लोकसभा में असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार से किया सवाल, कहा- हिजाब पर रोक क्या अनुच्छेद 25 का उल्लंघन नहीं?
नई दिल्ली। लोकसभा में AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने धार्मिक स्वतंत्रता, मॉब लिंचिंग और सांप्रदायिक भेदभाव के मुद्दों पर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने अनुच्छेद 25 का हवाला देते हुए कहा कि अनुच्छेद 25 के तहत हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने, उसका प्रचार करने और उस पर आचरण करने का अधिकार है लेकिन आज मेरी बेटियों को सरकारी संस्थानों में हिजाब पहनने से रोका जा रहा है। क्या यह अनुच्छेद 25 की भावना के खिलाफ नहीं है।
उन्होंने मॉब लिंचिंग और गौरक्षकों को पुलिस जैसे अधिकार दिए जाने पर भी सवाल उठाए। ओवैसी ने कहा कि हरियाणा और राजस्थान में गौरक्षकों को पुलिस जैसी शक्तियां दी गईं, जिनका दुरुपयोग कर मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुईं। बंगाल में साबिर मलिक को पीट-पीटकर मार डाला गया, बाद में पता चला कि उसने गोमांस नहीं खाया था। जुनैद और नासिर को जिंदा जला दिया गया।
ओवैसी ने धार्मिक स्थलों पर विवाद को लेकर कहा कि आज मुझसे पूछा जा रहा है कि 500 साल पहले कोई मस्जिद थी या नहीं। अगर मैं इस संसद को खोदूं और कुछ मिल जाए, तो क्या वह मेरी हो जाएगी। उन्होंने इन घटनाओं को संविधान और धर्मनिरपेक्षता की भावना के खिलाफ बताते हुए सरकार से इन मुद्दों पर स्पष्टता की मांग की।