भाजपा कार्यसमिति की बैठक के बाद यूपी की राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज! क्या योगी को कमजोर करने की 'कोशिश' होगी कामयाब या योगी पहले से और अधिक होंगे बुलंद?
लखनऊ। लखनऊ में भाजपा कार्यसमिति की कल हुई बैठक के बाद उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष इस बात को हवा दे रहा है कि प्रदेश में भाजपा नेतृत्व में फेरबदल होगा। हालांकि अभी तक कोई ठोस इशारा फेरबदल की ओर इंगित नहीं कर रहा है। जहां यह अटकलें लगाई जा रही है कि योगी आदित्यनाथ को मोदी कैबिनेट में बुलाया जा सकता है। वहीं योगी की बुलंद आवाज इस ओर इशारा कर रही है कि 2027 के चुनाव तक उनकी गद्दी हिलने वाली नहीं है।
जिस तरह से बैठक में 2027 के चुनावी रोडमैप को लेकर एक लकीर खींची गई है उससे यही प्रतीत हो रहा है कि योगी का पावर और बढ़ने वाला है। इस बात का संकेत खुद योगी ने अपने भाषण के जरिए दिया है। बैठक में योगी ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को बारी-बारी से गिनाया। उन्होंने लोकसभा चुनाव में पिछड़ने का एक बड़ा कारण अति आत्मविश्वास को बताया। उन्होंने कहा कि विपक्षियों ने चुनाव में जातियों को बांटने का काम किया है जबकि हमने जाति धर्म से अलग होकर विकास की राजनीति की है। इसी कड़ी में उन्होंने राहुल गांधी हिन्दू विरोधी बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने संविधान को लेकर लोगों में झूठा भ्रम फैलाया है। विपक्षियों की इन तमाम नकारात्मक गतिविधियों का करारा जवाब देना होगा। इसके लिए उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप अपनी कमर कस लें।
योगी और केशव प्रसाद मौर्य के बीच की नापसंदगी फिर अप्रत्यक्ष रूप से आई सामने
कल की बैठक में पर्दे के पीछे योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच की नापसंदगी भी अप्रत्यक्ष रूप से सामने आई। जैसे कि बैठक में केशव प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर से दोहराया कि संगठन सरकार से बड़ा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि जो दर्द आपका है, वही मेरा है। इस दौरान मौर्य ने अप्रत्यक्ष रूप से सीएम योगी की ओर इशारा किया था। यूपी में यह चर्चा रहती है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य एक-दूसरे को पसंद नहीं करते हैं। यही वजह है कि दोनों अप्रत्यक्ष रूप से एक-दूसर पर निशाना साधते रहते हैं।
योगी को हटाने का केजरीवाल का दावा फिर चर्चे में
बता दें कि लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि भाजपा योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटा सकती है। इस बैठक के बाद विपक्षी खेमे में केजरीवाल के इस बयान को ताजा करने की कोशिश की जा रही है। कुल मिलाकर वर्तमान में भाजपा के अंदर मंथन का दौर अभी थमा नहीं है। कहते हैं राजनीति में कुछ भी संभव है। लिहाजा भविष्य में क्या होगा, इस पर अभी कुछ कहना सटीक नहीं होगा।