MCD में स्टैंडिंग कमिटी के 18वें सदस्य के चुनाव के खिलाफ AAP जाएगी सुप्रीम कोर्ट, आज दाखिल होगा याचिका
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी की आखिरी खाली सीट के लिए कल यानी शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम में मतदान हुआ। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने हिस्सा नहीं लिया। इस चुनाव में केवल भाजपा के पार्षदों ने हिस्सा लिया और वोटिंग के बाद भाजपा के उम्मीदवार को विजयी घोषित कर दिया गया। आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव को अवैध और असंवैधानिक बताया है। वहीं आज आम आदमी पार्टी ने एलान किया है कि वह MCD में स्टैंडिंग कमिटी के 18वें सदस्य के चुनाव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने आज शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में हमारी याचिका आज ही दाखिल होगी।
मुख्यमंत्री अतिशी ने कहा कि हमारा भारत देश संविधान से चलता है और संविधान के अनुसार बनाए गए कानूनों से चलता है। दिल्ली के नगर निगम को चलाने के लिए भारत की संसद ने एक कानून पारित किया हुआ है जो है दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957। उन नियम कानूनों को हम देखने जाएं तो 'रेगुलेशन 51' जो स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव के बारे में है उसमें स्पष्ट है कि स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव निगम बैठक में होगा। उसकी तारीख, समय और जगह केवल मेयर निर्धारित कर सकती हैं और निगम बैठक की अध्यक्षता भी केवल मेयर कर सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा को लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने से कोई फर्क नहीं पड़ता और लोकतंत्र और संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए उपराज्यपाल के पास शक्तियां न होते हुए, उपराज्यपाल आदेश देते हैं और कमिश्नर वो आदेश मानते हैं, निगम की बैठक बुलाते हैं, चुनाव करवाते हैं और एक चुने हुए मेयर की जगह एक IAS अधिकारी को अध्यक्ष बना देते हैं। कल का जो गैर-कानूनी चुनाव करवाया गया उसमें उपराज्यपाल ने, भाजपा ने और उनके अफसरों ने उसमें संविधान और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाईं।