अमेरिका के हूती विद्रोहियों पर हमले की खुफिया जानकारी ऐसे हुई थी लीक? जानें पूरा मामला

मैगजीन के संपादक ने खोली ट्रंप कैबिनेट के प्लान की पोल;

Update: 2025-03-27 07:05 GMT

नई दिल्ली। हाल ही में अमेरिका के हूती विद्रोहियों पर हमले करने का वॉर प्लान लीक हो गया था। ये जानकारी एक ग्रुप चैट के जरिए लीक हुई थी जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के कैबिनेट मंत्री मौजूद थे। वहीं अब ये बात सामने आई है कि इस ग्रुप के जरिए हमले की जानकारी कैसे लीक हो रही थी।

सिग्नल एप पर बना था ग्रुप

सिग्नल एक मैसिजिंग एप है, जिस पर ट्रंप के कैबिनेट मंत्रियों ने एक चैट ग्रुप बनाया। इस ग्रुप का नाम था ‘हूती पीसी स्मॉल ग्रुप’ (Houthi PC Small Group)। ग्रुप में अमेरिका के उपराष्ट्रपति, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, एफबीआई चीफ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैसे अहम मंत्री शामिल थे। इस ग्रुप चैट में कैबिनेट मंत्री यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले की पूरी जानकारी शेयर कर रहे थे।

कैसे हुई गलती?

दरअसल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने इस खुफिया ग्रुप चैट में गलती से चर्चित मैगजीन ‘द अटलांटिक’ के संपादक जेफरी गोल्डबर्ग को जोड़ लिया था। जेफरी गोल्डबर्ग ने बताया कि उनके पास माइकल वाल्ट्ज के नाम से इस ग्रुप से जुड़ने के लिए रिक्वेस्ट आई। वह इस ग्रुप से जुड़ गए और बाद में उन्हें पता चला की यह वाल्ट्ज ट्रंप कैबिनेट में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं।

उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर हैरानी हुई कि इस साधारण से ग्रुप चैट में हूती विद्रोहियों पर हमले की छोटी से छोटी जानकारी शेयर की जा रही थी। हमला कब और कहां किया जाएगा और किन हथियारों का इस्तेमाल किया जाएगा, ये सब जानकारी इस ग्रुप में शेयर की जा रही थी। जिसके बाद ‘द अटलांटिक’ के संपादक जेफरी गोल्डबर्ग ने इस जानकारी को सार्वजनिक कर दिया।

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