अमेरिका से भारत तक 40 घंटे हथकड़ी-बेड़ियों में जकड़े रहे हिंदुस्तानी! जानें विदेश मंत्री ने किन नियमों का हवाला दिया?

Update: 2025-02-06 09:17 GMT

नई दिल्ली। अमेरिका से 104 भारतीयों के निर्वासन और उनके साथ कथित अमानवीय व्यवहार के मुद्दे पर राज्यसभा में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने राज्यसभा में संबोधित करते हुए कहा कि अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने का मामला कोई नया नहीं है। अमेरिकी नियमों के तहत ही भारतीयों को भेजा गया है। विदेश मंत्री ने 2009 से अब तक के आंकड़े भी गिनाए और कहा कि हर साल अवैध अप्रवासियों को वापस भेजा जाता है।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार अमेरिकी सरकार के संपर्क में है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्वासित भारतीय नागरिकों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार न हो। साथ ही, सदन इस बात की सराहना करेगा कि हमारा ध्यान अवैध आव्रजन उद्योग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर होना चाहिए। निर्वासितों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर, कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​एजेंटों और ऐसी एजेंसियों के खिलाफ आवश्यक, निवारक और अनुकरणीय कार्रवाई करेंगी।

डॉ. जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिकी सरकार के तहत, आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) एजेंसी द्वारा निर्वासन की प्रक्रिया की जाती है और इस प्रक्रिया में संयम बरतने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि ICE द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विमानों के SOP (Standard Operating Procedures) के तहत महिलाओं और बच्चों को नहीं रोका जाता है।

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि यह सभी देशों का कर्तव्य है कि अगर उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहे हैं, तो उन्हें वापस लिया जाए।

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