विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया, भारत-जापान साझेदारी और अफ्रीका में विकास पर जोर
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जापान-भारत-अफ्रीका बिजनेस फोरम में वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि भारत और जापान लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के साझा मूल्यों पर आधारित मजबूत संबंध साझा करते हैं। उन्होंने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्वतंत्रता और स्थिरता के महत्व को रेखांकित करते हुए क्वाड समूह के तहत भारत-जापान सहयोग को और सशक्त बनाने की बात कही।
ग्लोबल साउथ और भारत की भूमिका
जयशंकर ने कहा कि ग्लोबल साउथ, जो आर्थिक विकास का नया केंद्र बन रहा है, उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समुचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। उन्होंने भारत की ओर से इस उद्देश्य की वकालत का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत ने "वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट" और G20 की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ की पूर्ण सदस्यता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अफ्रीका में भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता
अफ्रीका के साथ भारत के संबंधों पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत हमेशा पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी पर जोर देता है, जो क्षमता निर्माण, कौशल विकास और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देता है। उन्होंने बताया कि भारत अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है।
भारत के विकासशील प्रयास और निवेश
भारत ने अफ्रीका में बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक रियायती ऋण प्रदान किए हैं। इस निवेश के तहत अफ्रीका में 200 से अधिक परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिनमें रेलवे, बिजली उत्पादन, सिंचाई, ग्रामीण सौर विद्युतीकरण, जल आपूर्ति और औद्योगिक संयंत्र शामिल हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत की इन विकास परियोजनाओं ने न केवल स्थानीय रोजगार को बढ़ावा दिया है बल्कि अफ्रीका में जीवन को भी बदला है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत, जापान और अफ्रीका के बीच सहयोग न केवल व्यापार और निवेश को बढ़ाएगा बल्कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक स्थिरता और समृद्धि में भी योगदान देगा।