दिहुली हत्याकांड: 17 आरोपियों में से 13 मर गए मुकदमे के दौरान, अब 44 साल बाद 3 को मिली फांसी, जानें पूरा मामला

Update: 2025-03-18 12:23 GMT

मैनपुरी। 18 नवंबर 1981 में दिहुली में हुए सामूहिक नरसंहार पर मैनपुरी कोर्ट का फैसला आ गया है। अदालत ने 3 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। इनकी गैंग ने 44 साल पहले दलित समाज के 24 लोगों की गोलियां मारकर सामूहिक हत्या कर दी थी।

कैसे दिया सामूहिक नरसंहार को अंजाम?

आरोपी डाकुओं की गैंग ने मुखबिरी का आरोप लगाकर गांव में लूटपाट की और हत्याकांड को अंजाम दिया। इसमें 24 लोगों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए। जिसके बाद एक स्थानीय निवासी ने मामला दर्ज कराया। जांच के बाद मामले में 17 डाकुओं को आरोपी ठहराया गया था, इनमें से 13 की मुकदमे के दौरान ही मौत हो गई और 1 को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है।

44 साल बाद फांसी की सजा

आज वारदात के 44 साल बाद अदालत ने तीन हत्यारोपियों को दोषी करारते हुए फांसी की सजा सुनाई है। इनमें कप्तान सिंह, राम पाल और राम सेवक शामिल हैं। इसके साथ ही दो दोषियों पर 2-2 लाख और एक दोषी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।

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