मेक इन इंडिया के तहत बने इलेक्ट्रिक वाहनों से देश को मिल रहीं नई रफतार | मनीष कुमार गुप्ता

Update: 2023-07-31 03:48 GMT

देश को आर्थिक रूप से मजबूती देने का काम कर रहें है इलेक्ट्रिक वाहन

भारत अब दुनिया के उन विकसित देशों की श्रेणी में शुमार हो चुका है जिन देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों को इस्तेमाल व्यापक रूप से किया जाता है। अब भारत भी मेक इन इंडिया के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और उसके इस्तेमाल करने पर जोर दिया जा रहा है। दरअसल केंद्र सरकार की ओर से भी पेट्रोल-डीजल से चलने वाले सामान्य वाहनों की अपेक्षा अब इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। ऐेसे में देश की ऐसी कई वाहन कंपनियां हैं, जो इलेक्ट्रिक बाईकों, कारों व बसों का निर्माण करना शुरू कर चुकीं हैं। जिन कंपनियों ने भारत में इलेक्ट्रिक कारों व बाईकों का निर्माण करना शुरू कर दिया है। उनमें टाटा मोटर्स, हीरो मोटरकार्प और महिन्द्रा एंड महिन्द्रा जैसी कंपनियां भी प्रमुख रूप से शामिल है। दरअसल आज हम इस लेख के माध्यम से भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल बढ़ने से देश को क्या क्या लाभ होंगें और इलेक्ट्रिक वाहनो के इस्तेमाल से देश की अर्थव्यवस्था कैसे मजबूत होगी इसकी विस्तार पूर्वक समीक्षा करेंगें।

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल बढ़ने से पेट्रोल-डीजल की भारी बचत

दरअसल केंद्र सरकार मेक इन इंडिया के तहत इलेक्ट्रिक वाहनो के इस्तेमाल करने पर ज्यादा जोर इसलिए भी दे रही है, क्योंकि इसका प्रचलन बढ़ने से देश में काफी ज्यादा मात्रा में खर्च होने वाले पेट्रोल-डीजल की बचत होगी। ऐसे में जब देश के ज्यादातर नागरिक इलेक्ट्रिक बाईकों और कारों का इस्तेमाल अपने दैनिक जीवन की यात्राओं के लिए करने लगेंगें तो देश पेट्रोल डीजल की खपत बहुत कम होगी। ऐसे में देश में पेट्रोल डीजल की डिमांड कम होने पर भारत को अरब देशों मसलन सउदी अरब, इराक और कुवैत से पेट्रोल डीजल कम खरीदना होगा। ऐसे जब भारत को खाड़ी देशों से पेट्रोल डीजल कम खरीदना होगा तो भारत की विदेशी मुद्रा का भंडार भी कम खर्च होगा। नतीजतन इस वजह से देश की अर्थव्यवस्था और मुद्रा यानी रूपया दोनों ही मजबूत होंगें।

इलेक्ट्रिक वाहनों के ज्यादा इस्तेमाल विदेशों पर निर्भरता होगी खत्म

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन और इस्तेमाल ज्यादा बढ़ने से ना सिर्फ देश में पेट्रोल और डीजल की बचत होगी, अपितु इलेक्ट्रिक वाहनों के ज्यादा इस्तेमाल से देश की विदेशी देशों के उपर भारत सरकार की निर्भरता भी खत्म होगी। दरअसल मौजूदा समय में भारत में पेट्रोल डीजल से चलने वाहनों का ज्यादा इस्तेमाल होता है, जिसकी वजह से भारत में तेल इंधन की ज्यादा खपत होती है। नतीजतन ऐसे में देश को अरब देशों से भारी मा़त्रा में महंगी किमतों को चुकाकर पेट्रोल-डीजल को खरीदना पड़ता है। लेकिन यदि देश में आने वाले दिनों में देश में इलेक्ट्रिक वाहनो का इस्तेमाल ज्यादा होने लगेगा तो हमारे देश को खाड़ी देशों से महंगे दामों पर भारी मात्रा में पेट्रोल डीजल नहीं खरीदना पड़ेगा। इसके साथ ही देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ने पर भारत की विदेशी देशों पर पेट्रोल और डीजल के लिए निर्भरता निश्चित तौर पर कम होगी।

भारत के लोगों को मिलेगी सस्तें वाहनों की सुविधा

देश में इलेक्ट्रानिक वाहनों के इस्तेमाल बढ़ने से जहां एक ओर लोगों को अपनी बाईक व कारों में महंगे डीजल और पेट्रोल नहीं डलवाने पड़ेंगें। वहीं दूसरी ओर देश के नागरिकों को बसों और अन्य वाहनों में यात्रा करने के लिए महंगा किराया भी नहीं चुकाना पड़ेगा। ऐसे में कहीं ना कहीं देश नागरिकों के लिए निजी और किराए के वाहनों का इस्तेमाल करना काफी ज्यादा सस्ता हो जाएगा। ऐेसे में देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल देश के लोगों के लिए सस्ता और मुफीद साबित होगा।

इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल बढ़ने से खत्म होगी प्रदूषण की समस्या

देश में इलेक्ट्रिानिक वाहनों का ज्यादा इस्तेमाल बढ़ने से देश की आर्थिक तरक्की को गति मिलने के साथ साथ देश में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या को भी खत्म करने में मदद मिलेगी। दरअसल देश में जब पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या ज्यादा बढ़ेगी तो इससे वायु प्रदूषण में कमी आएगी। क्योंकि पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों से काला धुआं ज्यादा निकलता है, जिससे वातावरण में प्रदूषण ज्यादा फैलता है। लेकिन जब देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का संख्या ज्यादा होगी और पेट्रोल डीजल से चलने वाले वाहनों की संख्या कम होगी तो वातावरण में ध्वनि प्रदूषण भी कम होगा। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनो के इस्तेमाल देश को आर्थिक मजबूत मिलने के साथ ही साथ पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी।

इलेक्ट्रिक वाहनों की इस्तेमाल से महंगाई में आएगी गिरावट

दरअसल देश में इलेक्ट्रिानिक वाहनों के ज्यादा इस्तेमाल से ना सिर्फ लोगों के पेट्रोल डीजल के पैसे की बचत होगी, अपितु देश में महंगाई की समस्या कम होगी। दरअसल इलेक्ट्रानिक वाहनों के ज्यादा इस्तेमाल बढने देश में एक राज्य से दूसरे राज्यों में ट्रकों से माल की ढुलाई सस्ती होगी, क्योंकि ये ट्रकें भी पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होंगी। नतीजतन इन इलेक्ट्रिक ट्रकों से माल की ढुलाई का भाड़ा व्यापारियों के लिए काफी सस्ता हो जाएगा। ऐसे में सस्ते दाम पर व्यापारियों तक सामान पहुंचने पर व्यापारी भी उन वस्तुओं की बिक्री सस्ते दामों पर ही करेंगें। नतीजतन इस वजह से देश में महंगाई की समस्या धीरे धीरे स्वतः ही खत्म हो जाएगी। इस लिहाज से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों मसलन बाईक, कार, बसें और ट्रकों का ईस्तेमाल देश के लिए बहुत ही जरूरी और लाभदायक है। इसके साथ ही देश में इलेक्ट्रिक वाहनों इस्तेमाल बढ़ने से देश में युवा उद्यमियों के लिए स्टार्टअप नए अवसर और रोजगार की नई संभावनाएं भी पैदा होंगी। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की ज्यादा बिक्री और इस्तेमाल से देश आर्थिक रूप से और ज्यादा मजबूत होगा। ऐसे में आज देश के सभी नागरिकों को डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के बदले अब इलेक्ट्रिक वाहनों के ज्यादा इस्तेमाल की आदत डालनी होगी ताकि देश आर्थिक रूप से मजबूत होकर विकसित देशों की कतार में शामिल हो सकें।

मनीष कुमार गुप्ता

(वरिष्ठ पत्रकार)

9810771477

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