योगी का बड़ा कदम! किया एलान- खोली जाएगी 1978 संभल दंगा की फाइल

Update: 2025-01-09 06:36 GMT

संभल। 29 मार्च 1978 को संभल शहर भीषण दंगे की चपेट में आ गया था। स्थिति इतनी भयावह हो गई थी कि शहर में कर्फ्यू लगाना पड़ा, जो दो महीने तक जारी रहा। इस दंगे में शहर का माहौल पूरी तरह तनावपूर्ण बना रहा और प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिर से जांच करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस हिंसा की फाइल को खोला जाएगा और इसकी जांच की जाएगी।

दरअसल, 1976 में मस्जिद के इमाम की हत्या के बाद संभल में सांप्रदायिक तनाव पहले से ही बना हुआ था। हालांकि, प्रशासन ने उस समय हालात काबू कर लिए थे। 1978 में राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते मुस्लिम लीग के एक नेता ने बाजार में दुकानों को बंद कराने का प्रयास किया। दूसरे समुदाय के व्यापारियों ने इस कदम का विरोध किया, जिससे विवाद बढ़ गया। विवाद बढ़ते-बढ़ते मारपीट तक पहुंच गया। इस दौरान नेता के साथी उन्हें मौके पर छोड़कर भाग निकले और उन्होंने अफवाह फैला दी कि नेता की हत्या कर दी गाई है।

इस अफवाह के फैलते ही हिंसा भड़क उठी। पूरे शहर में पथराव, आगजनी और लूटपाट शुरू हो गई। देखते ही देखते पूरा संभल शहर जलने लगा। प्रशासन ने हालात काबू में लाने के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया, लेकिन तनाव इतना गहरा था कि कर्फ्यू की अवधि लगातार बढ़ानी पड़ी। शहर दो महीने तक कर्फ्यू के साये में रहा। जानकार बताते हैं दंगे में कई लोग मारे गए थे। इस दंगे में करीब 169 मुकदमे दर्ज किए गए थे। इसमें तीन एफआईआर पुलिस की ओर से दर्ज कराई गई थीं।

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