जम्मू-कश्मीर को बड़ी सौगात! प्रधानमंत्री मोदी ने जेड मोड़ टनल का किया उद्घाटन

Update: 2025-01-13 07:35 GMT

-श्रीनगर से सोनमर्ग-लद्दाख किसी भी मौसम में जा सकेंगे, 1 घंटे की दूरी 15 मिनट में होगी तय

श्रीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में जेड मोड़ टनल का उद्घाटन किया। श्रीनगर-लेह हाईवे NH-1 पर बनी 6.4 किलोमीटर लंबी डबल लेन टनल श्रीनगर को सोनमर्ग से जोड़ेगी। बर्फबारी की वजह से यह हाईवे 6 महीने बंद रहता है। टनल बनने से लोगों को ऑल वेदर कनेक्टिविटी मिलेगी। यह टनल समुद्र तल से 2600 मीटर यानी 8652 फीट की ऊंचाई पर बनी है।

कहां बनाई गई

- कश्मीर के गांदरबल जिले के गगनगीर में पहाड़ी ग्लेशियर थाजीवास के नीचे।

किसे जोड़ेगी

- श्रीनगर से लेह को जोड़ने वाले NH-1 के 69.5 किमी स्टोन से शुरू होकर 81.3 किमी स्टोन पर खत्म होती है।

- टनल के एक छोर पर कंगन कस्बा और दूसरे छोर पर सोनमर्ग स्थित है।

क्यों बनाई गई

- NH-1 का यह हिस्सा सर्दियों में बर्फबारी और हिमस्खलन के कारण बंद हो जाता था।

- लद्दाख के लिए ऑल वेदर कनेक्टिविटी के लिए यह टनल बेहद महत्वपूर्ण है।

ऊंचाई

- समुद्र तल से 8,652 फीट ऊपर।

तकनीक

- न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM)।

लागत

- ₹2,680 करोड़।

निर्माण और देरी

- टनल प्रोजेक्ट की शुरुआत 2012 में हुई थी।

- पहले इसे बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन को सौंपा गया था, बाद में प्राइवेट कंपनी को ठेका दिया गया।

- पीपीपी मॉडल के तहत बनी यह टनल अगस्त 2023 तक पूरी हो जानी थी लेकिन कोरोना काल के कारण इसमें देरी हुई।

- जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू होने के कारण उद्घाटन टल गया।

- इस प्रोजेक्ट में कुल 12 साल लगे।

NATM तकनीक की खासियत

- NATM तकनीक में टनल खोदने के साथ-साथ मलबा भी निकाला जाता है।

- जैसे-जैसे मलबा हटाया जाता है, वैसे-वैसे टनल की दीवारें बनाई जाती हैं, जिससे पहाड़ दरकने या एवलांच का खतरा कम हो जाता है।

जोजिला टनल

- जेड मोड़ टनल के आगे ज़ोजिला टनल बनाई जा रही है, जिसका काम 2028 तक पूरा होगा।

- इसके पूरा होने पर बालटाल (अमरनाथ गुफा), कारगिल और लद्दाख को ऑल वेदर कनेक्टिविटी मिलेगी।

- दोनों टनल की कुल लंबाई 12 किलोमीटर होगी।

एशिया की सबसे लंबी टनल बनने की ओर

- अभी हिमाचल प्रदेश की अटल टनल एशिया की सबसे लंबी टनल है, जिसकी लंबाई 9.2 किलोमीटर है।

- जेड मोड़ और जोजिला टनल के पूरा होने पर यह एशिया की सबसे लंबी टनल बन जाएगी।

सैन्य महत्त्व

- सेना के लिए रसद और हथियार पहुंचाने में मदद मिलेगी।

- बर्फबारी के दौरान सेना पूरी तरह एयरफोर्स पर निर्भर होती है।

- दोनों टनल प्रोजेक्ट पूरे होने पर सेना कम खर्च में एलएसी तक सामान पहुंचा सकेगी।

आतंकी हमला

- 20 अक्टूबर 2024 को आतंकियों ने टनल के मजदूरों पर हमला किया था।

- इस हमले में टनल निर्माण कंपनी के 6 मजदूरों सहित 7 लोगों की मौत हो गई थी।

- हमले में एक स्थानीय डॉक्टर की भी जान चली गई थी।

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