बेलगाम अफसरशाही पर उत्तराखंड के विधायक नाराज, विधानसभा सत्र में उठाया मामला, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने लिया संज्ञान !

Update: 2023-09-08 12:45 GMT

उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र में बेलगाम होते ब्यूरोक्रेट्स के मुद्दे ने खूब हंगामा मचाया। सदन में चकराता से कांग्रेस के विधायक प्रीतम सिंह ने व्यवस्था अधिकार के तहत नौकरशाही पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि क्यों अधिकारी विधायकों का फोन नहीं उठा रहे। क्या सरकार पर इनका कोई नियंत्रण नहीं है।

इस मुद्दे का विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने संज्ञान लिया है और मुख्य सचिव को तलब किया। और तो और कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने सदन में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मुख्य अभियंता आरपी सिंह को बुलाने की मांग की और इनकी संपत्ति की जांच कराने की बात कही।

बेलगाम ब्यूरोक्रेसी का मुद्दा न सिर्फ विपक्ष के विधायकों ने उठाया, बल्कि सत्ताधारी पार्टी के कई विधायकों ने भी अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। सरकार के कई विधायकों ने भी इस मामले में प्रीतम सिंह का साथ दिया,प्रीतम सिंह ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मुख्य अभियंता आरपी सिंह को भ्रष्ट बताते हुए कहा कि इस अधिकारी के पीछे अदृश्य ताकत है, जिसका वो जल्द पर्दाफाश करेंगे। विपक्ष के विधायकों ने आरपी सिंह से जुड़े कई मामले सदन में रखे।

विधायकों की इस शिकायत पर स्पीकर ऋतु खंडूड़ी भी सख्त नजर आईं। उन्होंने साफ किया कि इस तरह के मामले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि वे तीसरी बार सरकार को इस बारे में निर्देशित कर रही हैं। यदि उनका निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो वे लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी को पत्र लिखेंगी कि जिसमें कहा जाएगा कि अधिकारियों को प्रोटोकॉल सिखाया जाए।

उन्होंने कहा कि विधायकों की शिकायत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है। वह इस विषय को विशेषाधिकार हनन समिति को भेज रही हैं। साथ ही उन्होंने मुख्य सचिव को अपने कार्यालय में तलब किया है। बता दें कि 6 सितंबर को सदन में ही किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ ने भी विशेषाधिकार हनन के तहत अधिकारियों के रूखे रवैये का मुद्दा उठाया था। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने पीठ से निर्देश जारी किया था कि अब से अधिकारियों को फोन पर भी विधानसभा सदस्य को माननीय विधायक जी कहकर संबोधित करना होगा।

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