हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर लगातार जारी है. रविवार से जो खतरनाक लैंडस्लाइड का सिलसिला चला वो अब तक रुका नहीं है. उत्तराखंड में भी बारिश से कई जगह पर भूस्खलन देखने को मिला है. साथ ही पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश का सीधा असर दिल्ली में यमुना नदी के जलस्तर पर भी पड़ रहा है. दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान को फिर से पार कर गई है.बताया जा रहा है की नदी के किनारे जितने निचले इलाके है वहा बाढ़ आने की सम्भावना है, परन्तु स्थिति के गंभीर होने के आसार कम हैं.
दिल्ली के पुराने रेलवे ब्रिज पर मंगलवार को यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर बढ़कर 205.39 मीटर तक पहुंच गया है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) के आंकड़ों के अनुसार, , पुराने रेलवे ब्रिज पर जलस्तर सोमवार दोपहर तीन बजे 203.48 मीटर से बढ़कर मंगलवार शाम छह बजे 204.94 मीटर पर पहुंच गया। रात 8:00 बजे तक जलस्तर 205.12 मीटर तक पर पहुंच गया। मौजूदा जलस्तर 205.39 मीटर यानी खतरे के निशान को पार कर गया है। आज सुबह भी नदी का जल स्तर खतरे के निशान के पार ही है।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण नदी के जल स्तर में तेजी से बढ़ रहा है । शाम छह बजे पुराने रेलवे ब्रिज पर जलस्तर 204.94 मीटर था।
जुलाई में बाढ़ से मचा था हाहाकार
जुलाई के महीने में राजधानी और पहाड़ों पर भारी वर्षा के कारण दिल्ली को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा। जिसे पुरे शहर को काफी दिकत और मुसीबतो का सामना करना पड़ा था। 13 जुलाई को यमुना नदी रिकॉर्ड 208.66 मीटर तक बढ़ गई थी, जिससे पिछले रिकॉर्ड भी टूट गए थे। बीते कई सालों की तुलना में शहर में अधिक अंदर तक बाढ़ का पानी घुस आया था। बाढ़ पीड़ित इलाकों से 27000 से अधिक लोगों को निकाला गया। संपत्ति, कारोबार और कमाई के मामले में करोड़ों रुपये तक का नुकसान हुआ था ।