सप्ताहांत पर गुलजार हुआ सूरजकुंड मेला, एक लाख लोग पहुंचे; भीड़ के कारण लगा जाम; देखें तस्वीरें

By :  SaumyaV
Update: 2024-02-12 07:07 GMT

सूरजकुंड मेला में रविवार को लोगों का सैलाब उमड़ा दिखाई दिया। इससे पहले शनिवार को लोग भारी संख्या में पहुंचे थे। पिछले सप्ताहांत पर बारिश के कारण लोग बहुत कम संख्या में मेला देखने पहुंचे थे।

अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला सप्ताहांत पर गुलजार नजर आया। करीब एक लाख लोग रविवार को मेला देखने पहुंचे। आलम यह रहा कि मेले में पैर रखने तक की जगह नहीं थी, हर तरफ लोगों की भीड़ दिखाई दी। मेला में दर्शकों ने जमकर पूरा लुत्फ लिया। इस दौरान पर्यटकों ने लोगों ने मेला खुलकर खरीदारी की।

सूरजकुंड मेला में रविवार को लोगों का सैलाब उमड़ा दिखाई दिया। इससे पहले शनिवार को लोग भारी संख्या में पहुंचे थे। पिछले सप्ताहांत पर बारिश के कारण लोग बहुत कम संख्या में मेला देखने पहुंचे थे। वेलेंटाइन वीक और रविवार का दिन होने कारण पर्यटकों भी भीड़ दिखाई दी। दर्शकों की भीड़ को देखकर शिल्पकारों के चेहरे खिल उठे। पर्यटन विभाग के मुताबिक रविवार शाम चार बजे तक लगभग 35000 टिकटों की बिक्री हुई थी। इसके अलावा पास और वीआइपी गेट से भी बड़ी संख्या में लोग मेला देखने पहुंचे। शाम 6 बजे तक लोग मेला देखने पहुंचे। मेला में भीड़ बढ़ने से लोगों को जाम के झाम से भी जूझना पड़ा। देर शाम सूरजकुंड रोड पर जाम लगा रहा।

कलाकारों संग झूमे पर्यटक

अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला की मुख्य चौपाल पर रविवार को देश-विदेश के कलाकारों ने प्रस्तुति दी। कलाकारों की धुनों पर विदेशी पर्यटक भी झूम उठे। मेला क्षेत्र में 12 बीन पार्टियां नागिन धुनों पर पर्यटकों का मनोरंजन कर रही हैं। इस पार्टी में बीन, ढोल, तुम्बा, चिमटा वाद्य यंत्र प्रयोग किया जाता है। इस पार्टी में विनोदनाथ के अलावा लक्ष्मण, बनवारी, पप्पू, सोनू, राजेंद्र, शंकर, सुंदर, रोहित शामिल है। हर आयु के पर्यटक इन कलाकारों की धुनों पर थिरक रहे हैं। 

कलाकारों संग झूमे पर्यटक

अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला की मुख्य चौपाल पर रविवार को देश-विदेश के कलाकारों ने प्रस्तुति दी। कलाकारों की धुनों पर विदेशी पर्यटक भी झूम उठे। मेला क्षेत्र में 12 बीन पार्टियां नागिन धुनों पर पर्यटकों का मनोरंजन कर रही हैं। इस पार्टी में बीन, ढोल, तुम्बा, चिमटा वाद्य यंत्र प्रयोग किया जाता है। इस पार्टी में विनोदनाथ के अलावा लक्ष्मण, बनवारी, पप्पू, सोनू, राजेंद्र, शंकर, सुंदर, रोहित शामिल है। हर आयु के पर्यटक इन कलाकारों की धुनों पर थिरक रहे हैं। 

तंजानिया की संस्कृति और हस्तकला ने किया आकर्षित

तंजानिया के शिल्पकारों व बुनकरों के द्वारा तैयार किए गये उत्पाद पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। संयुक्त गणराज्य तंजानिया इस वर्ष शिल्प मेला में पार्टनर देश के रूप में भागीदारी कर रहा है। इस देश के कलाकार मुख्य व छोटी चौपाल पर अपने देश की समृद्ध संस्कृति से ओतप्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों पर अमिट छाप छोड रहे हैं। तंजानिया के स्टॉल्स पर महिलाओं के आभूषण, वस्त्र तथा समुद्र से बनाए गए सी-वीड पाउडर विशेष रूप से प्रदर्शित की गई है। 

महिलाओं को भाई सरस्वती की साड़ियां

मेला में महिलाओं को सूती साड़ियां खूब पसंद आई। स्टॉल नंबर-234 पर मौजूद 48 वर्षीय दिव्यांग सरस्वती ने बताया कि 2005 में दस हजार रुपए व्यापार शुरू किया था, आज यह रोजी-रोटी का माध्यम बन गया है। सूती कपड़े के व्यापार के जरिये सालाना पांच से छह लाख रुपये तक कमा रही है। वह दिल्ली के इंडिया गेट, मुंबई, गोवा, चेन्नई, हैदराबाद, सूरत, नागपुर, पटना में लगने वाले मेलों में भी अपनी दुकान लगती हैं। सरस्वती सूरजकुंड मेला में भी नियमित तौर पर प्रतिवर्ष आ रही है।

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