रामलला प्राण प्रतिष्ठा को लेकर दिल्ली रहे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, ड्रोन से निगहबानी
पूरी राजधानी में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सुरक्षा इंतजामों के बीच शोभायात्रा निकाली गई। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सड़कों पर गश्त करते नजर आए। ड्रोन से निगरानी करने के अलावा सीसीटीवी कैमरों की मदद से पूरी राजधानी पर नजर रखी गई।
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान राजधानी दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। इस दौरान दिल्ली के सभी मंदिरों के अलावा संवेदनशील और अति संवेदनशील इलाके में पुलिस का सख्त पहरा रहा। स्थानीय पुलिस के साथ-साथ अर्द्धसैनिक बलों की 30 से ज्यादा कंपनियां दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में तैनात रहीं।
पूरी राजधानी में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सुरक्षा इंतजामों के बीच शोभायात्रा निकाली गई। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सड़कों पर गश्त करते नजर आए। ड्रोन से निगरानी करने के अलावा सीसीटीवी कैमरों की मदद से पूरी राजधानी पर नजर रखी गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार खुफिया एजेंसियों से अलर्ट मिला था कि सोशल मीडिया के जरिये शरारती तत्व दिल्ली में गड़बड़ी फैला सकते हैं। ऐसे में दिनभर सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी गई। राजधानी में रविवार रात से पुलिस ने बैरिकेड लगा कर संदिग्ध वाहनों की जांच शुरू कर दी। दिल्ली के बाहर से आने वाले वालों पर भी कड़ी नजर रखी गई।
जामिया में कुछ छात्रों ने लगाए विवादित नारे
जामिया मिलिया इस्लामिया में दो से तीन छात्रों की ओर से ‘बाबरी के लिए हड़ताल’ जैसे विवादित नारे लगाते हुए एक वीडियो सामने आया है। इसे देखते हुए एहतियात के तौर पर विश्वविद्यालय के बाहर पुलिसकर्मियों की दिनभर तैनाती रही। पुलिस अधिकारी ने कहा कि तैनाती रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह और गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर किया गया है।
मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद मंदिरों में प्रवेश
दिल्ली में बिरला मंदिर, कालकाजी मंदिर, झंडेवालान, हनुमान मंदिर समेत राजधानी के ज्यादातर मंदिरों में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान पुलिस ने वहां कई स्तरीय सुरक्षा के इंतजाम किए। पहले घेरे में दिल्ली पुलिस के जवान, दूसरे में अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया। बड़े मंदिरों में मेटल डिटेक्टर के जरिये ही प्रवेश दिया गया। अधिकारी ने बताया कि जहांगीरपुरी, उत्तर-पूर्वी दिल्ली, त्रिलोकपुरी इलाके में पहले छोटी-छोटी बातों से माहौल खराब हो चुका था, ऐसे में इन एरिया में पुलिस ने खास निगरानी की।
मंदिर जगमग, दिनभर चलती रही पूजा
प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर मंदिरों में दिनभर पूजा-अर्चना की गई। साथ में प्रसाद का भी वितरण हुआ। कई मंदिरों ने शोभायात्राएं निकालीं। सभी मंदिर में एलईडी स्क्रीन महोत्सव का सीधा प्रसारण दिखाया गया। शाम को मंदिरों को रोशनी से जगमग किया गया। कई मंदिरों में आतिशबाजी भी हुई। मंदिर मार्ग स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में सुबह सुंदरकांड पाठ हुआ और प्रसाद वितरित किया गया। मंदिरों में भव्य लाइटिंग की गई। वहीं, झंडेवाला देवी मंदिर में पाठ व भजन कीर्तन किया। शाम को 11 हजार दीप जला कर दीपोत्सव मनाया गया और पटाखेबाजी की गई। छतरपुर मंदिर में भी सुंदरकांड का पाठ हुआ और लाइटिंग की गई।
कालकाजी मंदिर के साथ-साथ महंत निवास परिसर को भी रोशनी से जगमग किया गया। इसी तरह सभी इस्कॉन मंदिरों में भी भक्ति कार्यक्रम हुए और शाम को बड़ी संख्या में दीप जलाए। चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर को फूलों व रोशनी से सजाया गया। यहां एलईडी लाइटों व फूलों प्रभु राम की पूजा अर्चना की गई। इसके अलावा भंडारे का आयोजन करके प्रसाद वितरित किया। करोल बाग में बीड़नपुरा स्थित बाबा रामदेव मंदिर से लेकर देव नगर स्थित शिव मंदिर तक भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। यात्रा में 11 सौ महिलाएं कलश लेकर शामिल हुई। वहीं 500 पुरुष भगवा पगड़ी बांधकर चले।
ब्रह्माकुमारी के केंद्रों में भी कार्यक्रम आयोजित
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सभी राजयोग केंद्रों में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। उन्होंने दीप जलाकर खुशी मनाई। इसके अलावा सामाजिक व धार्मिक संगठनों के साथ मिलकर के कई जगह पर भगवान राम की चैतन्य झांकी निकाली। कई सेवा केंद्रों पर भगवान राम, लक्ष्मण व सीता के चरित्र और गाथा का मंचन किया गया और मानव समाज के प्रति उनके श्रेष्ठ शिक्षा, संस्कार व मर्यादाओं को याद किया।
अशोक सिंघल फाउंडेशन ने अतिथियों को वितरित किए चांदी के सिक्के
अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि मंदिर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले अशोक सिंहल के योगदान को आज हर कोई याद कर रहा है। उनके नाम पर अशोक सिंहल फाउंडेशन बनाने वाले महेश भागचंदका और उनकी पत्नी सुनीता भागचंदका प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में यजमान बने थे।
महेश ने बताया कि सिंहल के उद्देश्य का पूर्ण करने के लिए ये फाउंडेशन बनाया गया था। सोमवार को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही उनका सबसे बड़ा स्वप्न पूर्ण हो गया। इसके लिए समारोह में अतिथियों को फाउंडेशन की ओर से अशोक सिंहल की जीवनी, राम स्तंभ ब्रोशर और श्रीराम को समर्पित चांदी के सिक्के की एक स्मारिका वितरित की गई है।