82 हजार घरों में लगेंगे स्मार्ट वाटर मीटर, जानिए इससे आप पर क्या पड़ेगा असर
मौजूदा मीटर मैकेनिकल हैं। जो ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाते हैं। लिहाजा अब अल्ट्रासोनिक वाटर मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
शहर में आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) तकनीक पर आधारित अल्ट्रासोनिक वाटर मीटर लगाने की प्राधिकरण की तैयारी है। नई तकनीक आधारित स्मार्ट वाटर मीटर 82 हजार घरों में लगाए जाएंगे। नए मीटर लगाने के बाद उपभोक्ता के किए गए पानी खर्च का डाटा सर्वर के माध्यम से प्राधिकरण के पास उपलब्ध हो जाएगा। उपभोक्ता को खपत के अनुसार बिल देना होगा।
इस बाबत कुछ कंपनियों ने प्राधिकरण में प्रजेंटेशन दिया है। प्राधिकरण एजेंसियों के वाटर मीटर को लगाने के लगाने के लिए एस्टिमेट तैयार करा रहा है। वाटर मीटर लोकसभा चुनाव के बाद लगाए जाएंगे। प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल पांच हजार घरों में वाटर मीटर लगाए गए हैं।
मौजूदा मीटर मैकेनिकल हैं। जो ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाते हैं। लिहाजा अब अल्ट्रासोनिक वाटर मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। अधिकारियों ने बताया मैकेनिकल और अल्ट्रासोनिक वाटर मीटर इंटरनेट पर आधारित हैं। मैकेनिकल मीटर की मशीनरी के खराब होने की आशंका बनी रहती है। जबकि अल्ट्रासोनिक मीटर 10 साल तक चल सकती है।
प्राधिकरण के अधिकारियों ने रेट के बाबत अलग-अलग शहरों के वाटर मीटर का अध्ययन किया है। इसकी रिपोर्ट प्राधिकरण के अधिकारियों को दी गई है। रिपोर्ट के आधार पर फिलहाल उपभोक्ताओं से वसूले जाने वाले दर पर फैसला होना बाकी है।