दिल्ली में 350 करोड़ के कारोबार का नुकसान, नहीं आ रहे व्यापारी; घर लौट रहे दिहाड़ी मजदूर
व्यापारियों का कहना है कि पिछले कई दिनों से बाजार मंदा है। दिल्ली के बॉडर पर पुलिस की सख्ती की वजह से बाहर से आने वाले ग्राहक दिल्ली नहीं पहुंच पा रहे हैं। इससे कारोबार ठप पड़ा हुआ है।
किसान आंदोलन का असर कारोबार पर भारी पड़ने लगा है। आंदोलन की वजह से पंजाब, हरियाणा, यूपी समेत अन्य राज्यों से व्यापारियों का आना-जाना कम हो गया है। अन्य राज्यों के खरीदार महज 15-20 प्रतिशत ही रह गए है। व्यापारिक संगठनों के अनुमान के अनुसार आंदोलन से अबतक करीब 350 करोड़ के कारोबार का नुकसान अकेले दिल्ली को झेलना पड़ रहा है।
इतना ही नहीं गर्मी के मौसम में इस्तेमाल होने वाले कपड़े बाजार नहीं पहुंच पा रहे है। उधर, मंडियों में भी सब्जियों और फलों की आवक प्रभावित होने लगी है। इससे खुदरा बाजार में सभी सब्जियों व फलों के भाव बढ़ गए हैं। लहसुन की गर्माहट भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
व्यापारियों का कहना है कि पिछले कई दिनों से बाजार मंदा है। दिल्ली के बॉडर पर पुलिस की सख्ती की वजह से बाहर से आने वाले ग्राहक दिल्ली नहीं पहुंच पा रहे हैं। इससे कारोबार ठप पड़ा हुआ है। फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के चेयरमैन परमजीत सिंह पम्मा का कहना है कि व्यापार 15-20 प्रतिशत ही रह गया है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत एनसीआर के कस्टमर दिल्ली नहीं पहुंच पा रहे है।
एमएसएमई परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक गुप्ता का कहना है कि दिल्ली का उद्योग पूरी तरह से ठप है। अगर ऐसी ही स्थिति रही तो किसानों के खिलाफ ही उद्यमियों को मोर्चा खोलना पड़ेगा।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स का कहना है कि किसानों के प्रदर्शन ने दिल्ली में व्यापार को प्रभावित किया है, जिससे अब तक लगभग 350 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
दिहाड़ी मजदूरों की छुट्टी
कारोबार प्रभावित होने से सबसे अधिक परेशानी दिहाड़ी मजदूरों की है। कारखाने बंद होने की वजह से औद्योगिक क्षेत्र के दिहाड़ी मजदूर पलायन करने लगे है। इसी तरह सदर बाजार, चांदनी चौक, गांधी बाजार समेत अन्य थोक मार्केट में भी दिहाड़ी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। ऐसे में वह अपने-अपने राज्यों को लौटने लगे है। व्यापारियों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से स्थिति बेहद ही खराब है।