किसान आंदोलन में शामिल महिलाओं की तबीयत बिगड़ी, 22 महिलाएं जिला अस्पताल में भर्ती
किसानों का समान मुआवजे और रोजगार की मांग को लेकर नोएडा सेक्टर-24 स्थित एनटीपीसी कार्यालय पर प्रदर्शन जारी है। इस दौरान आंदोलन में शामिल 22 महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई है। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है।
समान मुआवजे और रोजगार की मांग को लेकर किसानों ने सेक्टर-24 स्थित एनटीपीसी कार्यालय पर सोमवार को हल्ला बोल दिया। दिन भर जारी प्रदर्शन के बाद शाम को एनटीपीसी अधिकारियों संग किसानों की वार्ता हुई।
देर शाम तक चली वार्ता विफल रही जिसके बाद किसानों ने 24 घंटे तक कार्यालय के सामने डटे रहने का फैसला किया। मंगलवार दो बजे के बाद फिर वार्ता होगी। लेकिन उससे पहले आंदोलन में शामिल 22 महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई है। जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है।
एनटीपीसी कार्यालय का घेराव करने के लिए सोमवार को 24 गांवों के किसान पहुंचे। यह सभी किसान एनटीपीसी दादरी से प्रभावित हैं। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा कर रहे हैं।
खलीफा के मुताबिक, एनटीपीसी दादरी प्लांट के बाहर किसानों ने कई माह तक धरना दिया। इसके बावजूद कोई नतीजा निकला। जिसके बाद किसानों ने मुख्यालय के घेराव का फैसला किया है। उन्होंने एनटीपीसी प्रशासन पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। वहीं सोमवार को धरनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात रही।
सोमवार को किसानों का धरना दोपहर दो बजे से शुरू हुआ था जो कि किसानों के ऐलान के अनुसार मंगलवार दोपहर दो बजे तक होगा। ऐसे में किसानों ने अपने तंबू गाड़ दिए हैं। प्रदर्शनकारी किसानों के लिए संगठन के अधिकारियों ने व्यवस्था भी की है।
समान मुआवजा और नौकरी पर विचार संभव नहीं
मामले में सोमवार को एनटीपीसी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दादरी में प्लांट के स्टेज-1 का निर्माण वर्ष 1986 से 1995 के बीच किया गया था। उस समय के नियमों के मुताबिक अधिग्रहण किया गया था। इतने साल बीत जाने के बाद कुछ मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।
प्रदर्शनकारियों के साथ समय-समय पर विभिन्न वार्ताओं के दौरान एनसीपीएस की ओर से अपना पक्ष रखते हुए अवगत कराया जाता रहा है कि समान मुआवजा और नौकरी देने पर विचार किया जाना अब संभव नहीं है। वहीं एनसीपीएस ने 182 भू-स्थापितों को उपलब्ध रिक्तियों, उपयुक्तता और पात्रता के आधार पर नियमित रोजगार उपलब्ध कराने की बात कही है।