Greater Noida : राशन-पानी लेकर जीरो प्वांइट पर आज से हुंकार भरेंगे किसान, महापंचायत में बनेगी आंदोलन की रणनीति

Update: 2023-10-09 05:49 GMT

किसानों की समस्याएं दूर नहीं होने के कारण एक बार फिर किसान सोमवार को यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट पर महापंचायत कर धरना शुरू करेंगे। इसके बाद आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। रविवार को भारतीय किसान यूनियन टिकैत की ओर से राशन-पानी पहुंच गया है। वहीं, गांव-गांव जाकर अधिक से अधिक लोगों से पहुंचने का आह्वान किया जा रहा है। उनका कहना है कि अब आश्वासन पर नहीं मांगें पूरी होने पर ही धरना उठेगा।

सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना के नेतृत्व में जीरो प्वाइंट पर अंडरपास के नीचे महापंचायत बुलाई है। महापंचायत में आंदोलन की घोषणा की जाएगी और किसानों की मांगों को रखा जाएगा। महापंचायत में अधिक से अधिक किसानों को जुटाने के लिए गांव-गांव जाकर जनसंपर्क किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी लोगों से पहुंचने का आह्वान किया जा रहा है।

पवन खटाना ने भी धरना स्थल पर पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया। किसानों को 64.7 फीसदी मुआवजा देने, 10 फीसदी भूखंड, आवासीय भूखंड दिए जाने की मांग की रखी जाएगी। आबादी के मामलों का निस्तारण करने, जेवर एयरपोर्ट से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के नाम पर उत्पीड़न बंद करने, गांवों का विकास करने, शिक्षा व्यवस्था करने समेत मांगें शामिल हैं।

लीजबैक निरस्त करने के विरोध में किसानों का प्रदर्शन आज

लीजबैक के 237 मामलों को निरस्त करने के विरोध में सोमवार को अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में किसान ग्रेनो प्राधिकरण पर धरना-प्रदर्शन करेंगे। किसानों का आरोप है कि प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों की मनमानी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। किसान सभा के अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने बताया कि शासन ने नवंबर 2020 में बिसरख जलालपुर के प्रकरणों में जांच के लिए डॉ. अरुणवीर की अध्यक्षता में एसआईटी कमेटी का गठन किया था। इसमें लीज बैक के सभी प्रकरणों को शामिल किया गया। प्राधिकरण के कुछ तत्कालीन अधिकारियों ने किसानों के विरुद्ध अपना फैसला दिया था।

प्राधिकरण गेट पर महापंचायत आज

किसानों की मांगों को पूरा नहीं करने के विरोध में भारतीय किसान परिषद सोमवार को नोएडा प्राधिकरण के गेट पर महापंचायत करेगी। अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने किसानों से नोएडा प्राधिकरण के गेट पर इकठ्ठा होने के लिए कहा है। परिषद के पदाधिकारियों ने कहा कि आश्वासन के बाद भी किसानों को मुआवजा, भूखंड दिए जाने जैसी मांगें पूरी नहीं की गई हैं।

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