आ रहा है गोल्डन लाइन कॉरिडोर, एल्सटॉम तैयार करेगी 52 ट्रेनें; इस वजह से लिया फैसला

By :  SaumyaV
Update: 2024-02-26 06:33 GMT

डीएमआरसी ने एक नया अपडेट जारी करते हुए बताया है कि एयरोसिटी को तुगलकाबाद से जोड़ने वाले कॉरिडोर को गोल्ड लाइन कहा जाएगा। एल्सटॉम कंपनी 52 ट्रेनें तैयार करेगी। प्रत्येक ट्रेन छह कोच की होगी। 

दिल्ली मेट्रो के फेज-चार में दौड़ने वाली ट्रेनों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। वहीं डीएमआरसी ने एक नया अपडेट जारी कर दिया है। एयरोसिटी को तुगलकाबाद से जोड़ने वाली नई गोल्ड लाइन 10 होगी। जिसे गोल्डन लाइन कॉरिडोर के नाम से जाना जाएगा। जो कुल 64.67 किमी की दूरी तय करती है। डीएमआरसी ने एयरोसिटी कॉरिडोर के रंग कोड में बदलाव का एलान किया। यह फैसला विजिबिलिटी संबंधी समस्या के बाद लिया गया है। मेट्रो कोचों पर सिल्वर कलर है। जो स्पष्ट दिखाई नहीं देता है।

एल्सटॉम कंपनी 52 ट्रेनें तैयार करेगी। प्रत्येक ट्रेन छह कोच की होगी। नवंबर 2022 में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने आर्डर दिया था। मेक इंन इंडिया के तहत आंध्रप्रदेश के श्रीसीटी में ट्रेनें तैयार की जा रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि प्रोजेक्ट का कुल मूल्य 312 मिलियन यूरो है, जिसमें 15 वर्षों के लिए नई लाइन ट्रेनों का रखरखाव भी शामिल है। नई ट्रेनें अत्याधुनिक हरित वाहन होंगी। चालक रहित ये ट्रेनें 95 किमी प्रति घंटे की सुरक्षित गति के लिए डिजाइन की जा रही हैं। ट्रेनों के अंदर के दरवाजों के पोल में केसरिया, सफेद और हरे रंग का मिश्रण होगा।

2026 तक पूरा होगा पिंक लाइन का विस्तार

दिल्ली मेट्रो फेज-चार के मौजपुर-मजलिस पार्क (पिंक लाइन के विस्तार) कॉरिडोर पर मेट्रो वर्ष 2026 से रफ्तार भरने लगेगी। 12.32 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर का निर्माण कार्य 20 माह में पूरा किया जाएगा। इसका निर्माण पूरा होने से यह देश का पहला 70 किलोमीटर के दायरे का रिंग मेट्रो कॉरिडोर बन जाएगा। इससे दिल्ली के सभी कोने से यात्रियों को रेलवे स्टेशन, प्रमुख बाजार और बस अड्डा कम समय में पहुंच सकेंगे।

वर्तमान में कॉरिडोर का निर्माण कार्य 78 प्रतिशत तक पूरा कर लिया है। इसमें आठ एलिवेटेड स्टेशन बनाए जाएंगे जिसमें से तीन स्टेशन बुराड़ी, झारोदा माजरा और जगतपुर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं। सिविल संरचनाओं की निर्माण गतिविधियां जोरों पर चल रही हैं, जिनमें स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार, तकनीकी कमरों, कॉनकोर्स प्लेटफार्मों पर परिष्करण कार्य, प्लेटफ़ॉर्म-स्तरीय पीईबी और ट्रैक बिछाने का कार्य शामिल हैं। सिविल संरचना पूरा होने के बाद इन स्टेशनों को यात्री सेवा उपकरण (पीएसडी), लिफ्ट, एस्केलेटर सहित अन्य स्टेशन उपयोगिताओं को लगाने का काम किया जाएगा।

एलिवेटेड ढांचे के साथ बनाया जा रहा फ्लाईओवर

मौजपुर-मजलिस पार्क कॉरिडोर पर सूरजघाट के नजदीक फ्लाईओवर व मेट्रो लाइन का एक साथ संयुक्त ढांचा तैयार किया जा रहा है। डीएमआरसी व लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मिलकर पहली बार यह संयुक्त ढांचा तैयार कर रहे हैं।

इसके तहत एक ही एलिवेटेड ढांचे पर फ्लाईओवर और इसके समानांतर मेट्रो काॅरिडोर का निर्माण हो रहा है। इससे दिल्ली में फ्लाईओवर पर वाहनों के साथ-साथ मेट्रो भी दौड़ेगी। यह संयुक्त काॅरिडोर 450 मीटर लंबा होगा। खास बात यह है कि इस कॉरिडोर के पास डीएमआरसी एक अंडरपास का भी निर्माण करा रही है। इसलिए यह दिल्ली में अपने तरह का पहला कॉरिडोर होगा जहां सड़क के ऊपर फ्लाईओवर व मेट्रो काॅरिडोर एक दूसरे के समानांतर होंगे। वहीं सड़क के नीचे से अंडरपास भी निकलेगा।

कॉरिडोर को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा यमुना पर पुल

कॉरिडोर को जोड़ने को लिए कैंटिलीवर निर्माण तकनीक का उपयोग करके सिग्नेचर ब्रिज के पास यमुना पर 560 मीटर लंबे पुल का भी निर्माण कार्य चल रहा है। यह सूरजघाट और सोनिया विहार को जोड़ेगा। एक बार पूरा होने के बाद यह कॉरिडोर पूर्वी, उत्तर और दक्षिण दिल्ली को जोड़ेगा।

बनाए गए स्टेशन

मौजपुर से मजलिस पार्क कॉरिडोर पर यमुना विहार, भजनपुरा, खजूरी खास, सोनिया विहार, सोरघाट, जगतपुर गांव, झड़ौदा माजरा और बुराड़ी स्टेशन हैं। बाहरी रिंग रोड के बीच सड़क के दो पिलर होंगे। इससे सड़क से गुजरने वाले वाहनों को निर्माण के दौरान आवागमन में कोई असुविधा नहीं होगी।

65 किमी लाइनों का चल रहा निर्माण कार्य

फेज-चार के तहत दिल्ली मेट्रो तीन कॉरिडोर में 65 किलोमीटर की नई लाइनों का निर्माण करवा रहा है। इसमें 28 किलोमीटर भूमिगत और शेष एलिवेटेड हैं। इस विस्तार से 11 नए इंटरचेंज स्टेशनों का विकास होगा।

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