पूजा के लिए राजधानी में बढ़ी फूलों की मांग, सजे बाजार; विक्रेताओं की रही चांदी

By :  SaumyaV
Update: 2024-01-22 07:23 GMT

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राजधानी दिल्ली में लोग रविवार को अपने घरों व सोसाइटियों को सजाने के लिए बाजारों और मंडियों में फूल तलाशते रहे। देर रात तक फूल विक्रेताओं के चेहरों पर खुशी के साथ बाजार भी गुलजार रहा। इस दौरान कलकत्ता से आए फूलों ने लोगों को सबसे अधिक आकर्षित किया।

 अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए राजधानी भी तैयारियों में जुटी हुई है। लोग रविवार को अपने घरों व सोसाइटियों को सजाने के लिए बाजारों और मंडियों में फूल तलाशते रहे। देर रात तक फूल विक्रेताओं के चेहरों पर खुशी के साथ बाजार भी गुलजार रहा। इस दौरान कलकत्ता से आए फूलों ने लोगों को सबसे अधिक आकर्षित किया। 

इनमें 100 से लेकर 120 रुपये प्रति किलो ग्राम बिकने वाला गेंदा सबका पसंदीदा रहा। लोग इसी तरह के 100 से अधिक फूलों और मालाओं को खरीदते दिखे। गाजीपुर मंडी में वसुंधरा से अपनी सोसाइटी के लिए फूलों की खरीदारी करने आए संजय ने बताया कि उनके यहां सोमवार को दूसरी दिवाली मनेगी। वे कहते हैं कि स्थानीय बाजारों में फलों के बस अवशेष ही रह गए हैं, इसलिए वह यहां फूलों की खरीदारी के लिए आए हैं।

हजारों क्विंटल फूलों की हुई बिक्री

गाजीपुर मंडी के दुकानदार गोपीनाथ दास ने बताया कि उनके यहां दिवाली के दौरान बिके फूलों के 40 प्रतिशत फूल अकेले रविवार को बिक गए। उनके यहां गेंदे के फूलों की 20 मालाओं की कौड़ी 500 रुपये में बिकी। इसके अलावा, गेंदा, गुलाब, गुलदाउदी, डेला, चांदनी इत्यादि की भी भारी डिमांड रही। मंडी के अन्य दुकानदारों ने बताया कि उनके यहां 120 से लेकर 800 रुपये प्रति किलो के हिसाब से फूल बिक रहे हैं। वहीं, दुकानदार बबलू गुप्ता का कहना है कि अकेले रविवार में उनके यहां से हजारों क्विंटल फूल बिक गए। उन्होंने बताया कि सोमवार को बिक्री होने के लिए कोलकाता से फूल आ चुके हैं।

यह रहे फूलों के दाम (प्रति किलोग्राम)

रजनीगंधा - 200 रुपये

गुलाब - 330 रुपये

बटर गुलाब - 250 रुपये

डेला - 800

चांदनी - 500

पंखुड़ी - 250

गुलदाउदी - 120

लोगों को 'रोज' से मिली रोजी

एक दुकान में फूल बेच रही गीता ने बताया कि फूल की डिमांड ने उन्हें फिर से रोजगार दिया है। वह त्योहारों पर फूल, माला, दीये इत्यादि बेचती थी। लेकिन अभी कोई त्योहार निकट नहीं था, फिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए अचानक फूलों की मांग बढ़ गई। उनकी सहायिका रुबी ने बताया कि भगवान राम की कृपा से उन्हें फूलों की माला बनाने का काम दोबारा से मिला है। उन्होंने रविवार को अपनी अन्य सहायिकाओं के साथ मिलकर दुकान पर सैंकड़ों मालाएं बनाकर बेचीं।

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