दिल्ली की सड़के सुरक्षित नहीं, रात में होते हैं सबसे ज्यादा हादसे, पढ़ें रिपोर्ट

By :  SaumyaV
Update: 2023-12-12 09:18 GMT

दिल्ली में सबसे ज्यादा पैदल यात्रियों की मौत होती है। इनमें भी देश की राजधानी में रात के समय सबसे ज्यादा दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं। पहले जहां दिन में सड़क दुर्घटनाओं में पैदल यात्रियों की सबसे ज्यादा मौत होती थी। 

 राजधानी में होने वाली घातक सड़क दुर्घटनाओं में पैदल यात्री सबसे जल्दी शिकार होते हैं। दिल्ली में सबसे ज्यादा पैदल यात्रियों की मौत होती है। इनमें भी देश की राजधानी में रात के समय सबसे ज्यादा दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं। पहले जहां दिन में सड़क दुर्घटनाओं में पैदल यात्रियों की सबसे ज्यादा मौत होती थी, मगर दो वर्ष से ये देखने में आ रहा है कि अब रात में पैदल यात्री सड़क दुर्घटनाओं के सबसे ज्यादा शिकार होते हैं। 

यातायात पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त सुरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि पैदल यात्रियों के साथ हुईं सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए अब इन दुर्घटनाओं को कम या खत्म करने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं। दुर्घटनाओं वाली जगहों पर एक अध्ययन करवाया गया है, जहां जो कमियां हैं उनको खत्म किया जा रहा है। विशेष पुलिस आयुक्त का कहना है कि सुधारात्मक उपाय करने और सड़क उपयोगकर्ताओं के इस वर्ग को जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

दिन व रात में पैदल यात्रियों के साथ होने वाली दुर्घटनाएं

दिन और रात की अवधि के आधार पर पैदल यात्री दुर्घटनाओं के वर्गीकरण में अलग-अलग बातें सामने आती हैं। वर्ष 2021 में दिन के दौरान 262 और रात के समय 242 पैदल यात्रियों की मौत हुई थी। ये डाटा वर्ष 2022 में बदल गया। वर्ष 2022 में देखा गया कि दिन के दौरान 301 और रात के दौरान 328 पैदल यात्रियों की मौत हुई थी। 2023 में आंकड़े बताते हैं कि दिन के दौरान 240 मौतें और रात के दौरान 284 पैदल यात्रियों की मौत हुई थी।

दुर्घटना स्थलों का किया गया विश्लेषण

विशेष पुलिस आयुक्त सुरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि दिल्ली यातायात पुलिस ने दिल्ली में दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की पहचान करने के लिए 2022 के लिए दुर्घटना स्थलों का विश्लेषण किया है। 2022 में 500 मीटर के व्यास के भीतर तीन या अधिक घातक दुर्घटनाओं या उसी क्षेत्र में 10 या अधिक कुल सड़क दुर्घटनाओं के मानदंडों के अनुसार 117 दुर्घटना क्षेत्रों की पहचान की गई है, जैसे कि रिंग रोड (25), जीटी करनाल रोड (17) और आउटर रिंग रोड (15) में सबसे अधिक दुर्घटनाएं हुई हैं।

इसके अलावा पैदल चलने वालों को ब्रिटानिया चौक, जीबी पंत अस्पताल, पीरागढ़ी और मादीपुर मेट्रो स्टेशनों के आसपास के क्षेत्रों में जोखिम का सामना करना पड़ता है। वर्ष 2021 में दुर्घटना क्षेत्रों के व्यापक विश्लेषण में विशिष्ट स्थानों ने दुर्घटनाओं की उल्लेखनीय घटनाओं का प्रदर्शन किया, जिसमें शास्त्री पार्क में 15 दुर्घटनाएं, अशोक नगर में हरनाम पैलेस में 12 दुर्घटनाएं और पीरा गढ़ी चौक में 9 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं।

यातायात पुलिस के एक अध्ययन से पता लगा है कि वर्ष 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में 1536 पैदल यात्री घायल हुए थे। इसमें 1269 पुरुष और 267 महिलाएं थीं। इन दुर्घटनाओं में कुल 504 पैदल यात्रियों की मौत हुई। इनमें 446 पुरुष व 58 महिलाएं थीं। वर्ष 2022 में पैदल यात्री सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई।

वर्ष 2022 में 1413 पुरुष और 364 महिलाएं यानी 1777 पैदल यात्री घायल हुए। घातक दुर्घटनाओं की संख्या बढ़कर 629 (553 पुरुष व 76 महिलाएं) हो गई। वर्ष 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में कुल 1698 (1138 पुरुष, 360 महिला) पैदल यात्री घायल हुए। उसी वर्ष में 526 (449 पुरुष व 77 महिलाएं) पैदल यात्रियों की मौत हुई है। पैदल यात्री घातक सड़क दुर्घटनाओं में सबसे कमजोर पीड़ितों के रूप में होते हैं। 

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