माफी मांगी...शराब पिलाई और चाकू से काट दिया गला; अय्याशी में बाधा बने पति का प्रेमी से कराया कत्ल
मजदूर बृजकिशोर वाल्मीकि की हत्या का गाजियाबाद पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने हत्या के आरोप में उसकी पत्नी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार किया है। प्रेमी का फुफेरा भाई भी गिरफ्तार हुआ है।
गाजियाबाद की इंदिरापुरम पुलिस ने ब्लाइंड मर्डर का खुलासा किया है। नोएडा की छिजारसी कॉलोनी में रहने वाले मजदूर बृजकिशोर वाल्मीकि की तीन दिसंबर को की गई हत्या का पुलिस ने शनिवार को खुलासा किया है। पुलिस का कहना है कि बृजकिशोर की हत्या उसकी पत्नी पुष्पा ने अपने प्रेमी शीलेंद्र वाल्मीकि से कराई थी।
इसमें शीलेंद्र के फुफेरे भाई नन्हे वाल्मीकि ने भी साथ दिया। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुष्पा और शीलेंद्र के प्रेम प्रसंग का पता चलने पर बृजकिशोर विरोध करता था। मजदूरी करने वाले बृजकिशोर का शव चार दिसंबर को छिजारसी अंडरपास के सामने ग्रीन बेल्ट में मिला था।
पुलिस ने उसके घर के आसपास के लोगों से जानकारी की तो उन्होंने उसकी पत्नी पुष्पा पर शक जाहिर किया। इस पर पुलिस ने पुष्पा के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकलवाई। इससे पता चला कि वह रोज काफी देर तक शीलेंद्र से बात करती थी। शीलेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने राज उगल दिया।
डीसीपी शुभम पटेल ने बताया कि बृजकिशोर मूलरूप से बदायूं के वसेला गांव का निवासी था। पत्नी पुष्पा के साथ काफी समय से नोएडा में सेक्टर-63 में छिजारसी में किराए पर रह रहा था। दोनों की शादी 2011 में हुई थी। उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। छिजारसी में पड़ोस में शीलेंद्र का मकान है।
दो साल पहले बृजकिशोर ने शीलेंद्र से दो हजार रुपये उधार लिए थे। उसे वापस लेने के लिए वह घर आने लगा। इस दौरान उसकी पुष्पा से नजदीकी बन गई। इसका पता चलने पर बृजकिशोर पुष्पा को लेकर अपने गांव चला गया, लेकिन शीलेंद्र ने पीछा नहीं छोड़ा।
वह पुष्पा से मिलने के लिए वहीं पर जाने लगा। दोनों के बीच फोन पर घंटों बात होती थी। शीलेंद्र ने कई बार पुष्पा को कपड़े उपहार में दिए। इस पर बृजकिशोर ने पुष्पा को चेतावनी दे दी कि वह पुलिस से शिकायत कर देगा। इसके बाद ही दोनों ने मिलकर उसकी हत्या की साजिश रच डाली और उसे अंजाम देकर उसकी जान ले ली।
माफी मांगी, शराब पिलाई और चाकू से काट दिया गला
डीसीपी ने शीलेंद्र से की गई पूछताछ के हवाले से बताया कि तीन दिसंबर को बृजकिशोर को छिजारसी में किराये के कमरे से सामान वापस लेने के लिए आना था। शीलेंद्र और पुष्पा पहले ही उसकी हत्या की साजिश बना चुके थे। पुष्पा ने शीलेंद्र को 500 रुपये आनलाइन ट्रांसफर किए। वह इस रकम से शराब खरीद लाया। उसने फोन करके बृजकिशोर को अपने कमरे पर बुला लिया।
उससे कहा कि वह अपने किए पर शर्मिंदा है। उसने उससे माफी मांगने का नाटक किया। इसके बाद कहा कि अगर उसने उसे माफ कर दिया है तो आज उसके साथ शराब पीए। वहीं पर नन्हें को बुला लिया। नन्हें पहले ही चाकू खरीद लाया था।
रात को तीनों ने छिजारसी अंडरपास के नीचे शराब पी। बृजकिशोर को ज्यादा पिलाई। उसके नशे में होते ही शीलेंद्र ने पहले उसका गला चाकू से काट दिया। इसके बाद ईंट से सिर कूच दिया। उसकी मौत होने पर वह और नन्हें शव को झाड़ियों में फेंककर भाग गए।
फोटो देखकर भाई ने पहचाना था शव
बृजकिशोर का शव चार दिसंबर को मिला था। उसे जानवर खा चुके थे। पहचान हो पाना मुश्किल था। पुलिस ने आसपास के थानों में शव के फोटो भिजवा दिए। उधर, बृजकिशोर का फोन स्विच आफ होने से परिजन परेशान थे। उसका भाई लोकपाल इंदिरापुरम थाने पहुंचा। वहां नोटिस बोर्ड पर भाई के शव का फोटो देखकर चौंक गया। उसने कपड़ों के आधार पर बृजकिशोर की पहचान की। इसके बाद पुलिस जांच-पड़ताल में जुटी।