जिंदा रहते गरीबों की करती थीं मदद, मरने के बाद अंगदान कर गईं 78 साल की माया, दो को मिली नई जिंदगी
जिंदगी रहते हुए लोगों में कपड़े और खाना दान करने वाली 78 साल की माया मरने पर अपना अंगदान भी कर गई। उनके अंगदान से दो लोगों को नया जीवन मिला। दरअसल बुलंदशहर की रहने वाली 78 वर्षीय माया 19 दिसंबर को अपने घर पर सीढ़ियों से गिर गईं थी।
जिंदगी रहते हुए लोगों में कपड़े और खाना दान करने वाली 78 साल की माया मरने पर अपना अंगदान भी कर गई। उनके अंगदान से दो लोगों को नया जीवन मिला। दरअसल बुलंदशहर की रहने वाली 78 वर्षीय माया 19 दिसंबर को अपने घर पर सीढ़ियों से गिर गईं थी। घटना के बाद उन्हें ट्रॉमा सेंटर, एम्स में भर्ती कराया गया। यहां दो दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझते हुए 21 दिसंबर को दम तोड दिया।
माया की मौत के बाद बेटे राकेश कुमार ने डॉक्टरों को बताया कि मेरी मां परोपकारी रही हैं। वह लगातार जरूरतमंद लोगों की सहायता करने के लिए समर्पित रही हैं। अक्सर जरूरतमंद लोगों को भोजन और कपड़े व अन्य चीजें दान करती थीं। डॉक्टरों के समझाने के बाद बेटे ने अंगदान करने की इच्छा जाहिर की। परिवार की सहमति के बाद राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) के नियम के तहत महिला का लिवर आईएलबीएस अस्पताल, दिल्ली को और किडनी एम्स दिल्ली को आवंटित की गई। कॉर्निया को एम्स के डॉ. आरपी सेंटर में बैंक में सुरक्षित रखा गया है। इसके अलावा महिला ने त्वचा भी दान की, जो अब स्किन बैंक में संरक्षित है। एम्स के बर्न एंड प्लास्टिक सेंटर में स्किन बैंक की स्थापना के बाद से यह एम्स में तीसरा त्वचा दान है।
एम्स ओआरबीओ की प्रभारी व प्रोफेसर डॉ. आरती विज ने कहा कि एम्स दिल्ली में 48 घंटों के भीतर बहु-अंगदान के दो केस हुए। एक दिन पहले 53 वर्षीय महिला और अब 78 वर्षीय माया के अंगदान से कई लोगों को नई जिंदगी मिलेगी।