350 फ्लाइट्स हुईं प्रभवित, 25 से अधिक निरस्त; 50 से ज्यादा ट्रेनों की रफ्तार पड़ी धीमी

Update: 2024-01-21 06:28 GMT

इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरना यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बना रहा है। दिल्ली से अन्य जगहों की उड़ान भरने वाले 127 से अधिक विमान देरी से उड़े तो दिल्ली आने वाले 122 से अधिक विमान लेटलतीफी का शिकार हुए। 

दिल्ली एयरपोर्ट से यात्रा करना इन दिनों लोगों को भारी पड़ रहा है। एक तो कोहरे की मार से विमानों की आवाजाही प्रभावित थी ही अब एयर स्पेस यात्री विमानों के लिए करीब ढाई घंटे तक बंद होने से भी परेशानी बनी हुई है। गणतंत्र दिवस सप्ताह की वजह 26 जनवरी तक सुबह 10:20 बजे से दोपहर 12:45 तक यात्री विमानों की आवाजाही बंद कर दी गई है। लिहाजा सुबह दस बजे के पहले और दोपहर 12:45 बजे के बाद ही यात्री विमानों की आवाजाही संभव हो पा रही है। इस वजह से बड़ी संख्या में विमान रद्द होने के साथ ही देरी से संचालित हो रही है। 

इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरना यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बना रहा है। दिल्ली से अन्य जगहों की उड़ान भरने वाले 127 से अधिक विमान देरी से उड़े तो दिल्ली आने वाले 122 से अधिक विमान लेटलतीफी का शिकार हुए। इसी तरह 90 से अधिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर इसका असर दिखा। शनिवार को 350 से अधिक विमानों पर मौसम खराब व अन्य कारणों से असर पड़ा। 25 से अधिक विमान रद्द रहे। इस वजह से यात्रियों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा।

विमान यात्रियों का कहना है कि मौसम खराब होने की वजह से तो विमानों के संचालन पर असर पड़ ही रहा है साथ ही एयर लाइंस की मनमानी की वजह से भी यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है। विमान रद्द होने की स्थिति में विमानन कंपनी दूसरे विमान से यात्रा करने का टिकट तक देने में आनाकानी करती है। जल्दबाजी की वजह से ऊंची कीमत देकर दूसरे विमान में यात्रा टिकट खरीदने की जरूरत पड़ती है। कनेक्टिंग फ्लाइट होने की वजह से तय समय में नहीं पहुंचने की स्थिति में दोनों जगह का टिकट रिफंड नहीं मिल पाता है। एक यात्री का कहना था कि मौसम की आड़ में यात्रियों को ऊंची कीमत पर टिकट लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

उधर, कोहरे की वजह से ट्रेन यात्रियों की मुसीबत भी कम नहीं हो रही है। 50 से अधिक लंबी दूरी की ट्रेन 1 से 8 घंटे की देरी से चली। समय सारणी बिगड़ने की वजह से ज्यादातर ट्रेन अपने नियत समय से ना तो चल रही है और ना ही अपने गंतव्य स्टेशन पर पहुंच रही है। रात के वक्त तो कोहरा अधिक होने की स्थिति में ट्रेनों की रफ्तार 30 किलोमीटर प्रतिघंटे ही रह जाती है। शनिवार को वास्को-निजामुद्दीन एक्सप्रेस 8 घंटे की देरी से पहुंची वहीं पुरुषोत्तम 3 घंटे तो कैफियत एक्सप्रेस 3:25 घंटे की देरी से अपने गंतव्य स्टेशन पहुंची। इसके अलावा लखनऊ, प्रयागराज, पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, कानपुर, गोरखपुर, पंजाब, जम्मू से दिल्ली आने वाली ज्यादातर ट्रेन देरी से पहुंची और यहां से रवाना भी देरी से हुई। इस वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

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