Rajiv Gandhi Death Anniversary: आगरा में रात को राजीव गांधी ने की थी चुनावी जनसभा, पांच दिन बाद हो गई थी हत्या
Rajiv Gandhi Death Anniversary: आगरा। आगरा में करीब 33 साल पहले 1990 में देश भर में चर्चित हुए पनवारी कांड के पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी आगरा आए थे। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि रविवार (21 मई) को है। उनका आगरा से जुड़ाव कांग्रेसियों के जेहन में अब तक ताजा है। पनवारी कांड में वह पत्नी सोनिया गांधी के साथ यहां आए थे। राजा की मंडी रेलवे स्टेशन पर वह ट्रेन से पहुंचे थे। यहां से हजारों समर्थकों की भीड़ में वह जीप पर सवार होकर पनवारी कांड के पीड़ितों से मिलने पहुंचे। उनके दर्द सुने और जख्मों पर मरहम भी लगाया।
हत्या से 5 दिन पहले भी आए थे पूर्व प्रधानमंत्री
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से जुड़ी यादों को कांग्रेस नेता भारत भूषण गप्पी ने साझा किया। उन्होंने बताया कि 1991 में 21 मई को श्रीपेरंबदूर में हत्या से 5 दिन पहले 16 मई को वह आगरा में रामलीला मैदान आए थे। रात में उन्होंने चुनावी जनसभा को संबोधित किया था। एटा, भिंड की चुनावी जनसभाओं का कार्यक्रम आगरा के साथ ही लगा था।
सुरक्षा को लेकर हो गए थे लापरवाह
पूर्व शहर अध्यक्ष राम टंडन के मुताबिक रात 9 बजे वह रामलीला मैदान आए और चुनावी वादे किए थे। इसके 5 दिन बाद ही उनकी हत्या कर दी गई। इस सभा की कवरेज करने वाले विजय गोयल बताते हैं कि राजीव गांधी अपनी सुरक्षा को लेकर लापरवाह हो गए थे। उन्होंने रामलीला मैदान में सुरक्षा के लिए बनाई गई डी में कार्यकर्ताओं और लोगों को बुला लिया था। इसके बाद वो जनता के साथ भीड़ में भी चले गए थे।
तीन बार आगरा आए राजीव
कांग्रेस नेता सुमित विभव के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी सबसे पहले 1982 में कांग्रेस महासचिव के तौर पर आगरा आए थे। तब उन्होंने आगरा काॅलेज के छात्रों के आंदोलन के दौरान संबोधन किया था। तब युवा आगरा में टेलीविजन की मांग उठा रहे थे, जिस पर उन्होंने टीवी सेंटर के लिए वादा किया। इसके बाद वह 1990 में पनवारी कांड में और फिर मई 1991 में चुनावी सभा में आए थे। इस सभा में उन्होंने आगरा को अपना घर बताया था।