Cyber Fraud in Haryana: देश का सबसे बड़े सायबर ऑपरेशन, 5000 पुलिसकर्मी, 102 टीम, 100 करोड़ की ठगी, देशभर में बिछा जाल.

NCR का जामताड़ा है.

Update: 2023-05-11 06:53 GMT
सौ करोड़ की साइबर ठगी का खुलासा
सैकड़ों बैंक खाते और करोड़ों का वारा न्यारा हरियाणा पुलिस ने पकड़ा डिजिटल फ्राड का जखीरा

हरियाणा पुलिस द्वारा जिला नूंह में साइबर जालसाजों के ठिकानों पर एक साथ की गई रेड के बाद जांच में अब तक देश भर में लगभग 100 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का खुलासा हुआ है। ये महाठग फर्जी सिम,आधार कार्ड इत्यादि द्वारा देशभर के लोगों से ठगी करते और फर्जी बनाए बैंक खातों में राशि डलवा देते ताकि पुलिस इन तक ना पहुंच सके। इल जालसाजों द्वारा हरियाणा से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और यूपी से लेकर अंडमान निकोबार तक लोगों को निशाना बनाया जा चुका है। इनके पकड़े जाने से देशभर में साइबर ठगी के लगभग 28,000 केस ट्रेस हुए हैं।

नूंह पुलिस अधीक्षक श्री वरुण सिंगला ने बताया कि 27/28 अप्रैल की मध्यरात्रि को 5000 पुलिसकर्मियों की 102 टीमों ने जिले के 14 गांवों में एक साथ छापेमारी की थी। इस दौरान करीब 125 संदिग्ध हैकर्स को हिरासत में लिया गया था। इनमें से 66 आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया गया। सभी को अदालत में पेश कर 7 से 11 दिन की रिमांड पर लिया गया।

गिरफ्तारी के बाद पूरे मामले का पर्दाफाश करने के लिए हरियाणा के पुलिस महानिदेशक श्री प्रशांत कुमार अग्रवाल ने इन साइबर अपराधियों से पूछताछ के लिए पूरे हरियाणा से 40 साइबर विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की। इस प्रकार साइबर विशेषज्ञों की मदद से पकड़े गए साइबर अपराधियों से निरंतर पूछताछ की गई और साइबर धोखाधड़ी द्वारा अपनाई जा रही कार्यप्रणाली के साथ-साथ फर्जी सिम और बैंक खातों के स्रोतों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की गई।

मोबाइल, सोशल मीडिया और डिजिटल तरीकों से ठगी करने वालों के खिलाफ पुलिस बहुत दिनों से जांच पड़ताल कर रही थी लेकिन खुलासा अब हुआ है।

100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी को दिया अंजाम

इस विश्लेषण के दौरान यह बात सामने आई है कि साइबर ठगों ने अब तक देश भर के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से करीब 28000 भोले-भाले लोगों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी को अंजाम दिया है। पकडे़ गए इन साइबर जालसाजों के खिलाफ देशभर में पहले से ही 1346 प्राथमिकी दर्ज होनी पाई गई हैं। ऐसे ठगों की संलिप्तता तय करने के लिए इन साइबर अपराधियों का विवरण राज्यों के संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भेजा जा रहा है।

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