MP Election 2023: प्रह्लाद पटेल के विधायक भाई का पहला इंटरव्यू, जिन्होंने अपने भैया की खातिर छोड़ दिया टिकट

Update: 2023-11-03 11:05 GMT

मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर से केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को भाजपा ने टिकट दिया है। नरसिंहपुर जिले से जालम सिंह पटेल लगातार तीन बार के विधायक थे, जिन्होंने अपने बड़े भाई प्रह्लाद पटेल के लिए न केवल सीट खाली की, बल्कि आसपास की सीट पर मिल रहे टिकट को भी ठुकरा दिया। अमर उजाला से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि मैंने खुद ही टिकट ठुकराया था।


क्या जालम सिंह पटेल का नाम काटकर प्रह्लाद पटेल को टिकट दिया गया है?

जालम सिंहः भाजपा ने मुझे नरसिंहपुर से चुनाव लड़ने को कहा था। प्रह्लाद पटेल जी को छिंदवाड़ा, सिवनी या जबलपुर की किसी सीट से चुनाव लड़ने का कहा गया था। भाई साहब ने मुझसे बात की। तब मैंने उनसे कहा कि हम दोनों लोग विधानसभा का चुनाव लड़कर क्या मैसेज देना चाहते हैं? परिवारवाद के आरोप भी लगते हैं। दोनों भाइयों के चुनाव लड़ने का कोई मतलब तो है नहीं। मैंने पार्टी नेतृत्व से आग्रह किया। दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव जी से आग्रह किया कि मुझे टिकट मत दीजिए। प्रह्लाद जी को नरसिंहपुर से ही प्रत्याशी बना दीजिए। तब यह फैसला हुआ। पार्टी ने उन्हें यहां से प्रत्याशी बनाया। 


पार्टी ने जो विकल्प दिया था, तब आपने चुनाव लड़ने का क्यों नहीं सोचा?

जालम सिंहः मैं मानता हूं कि प्रह्लाद पटेल आठ लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। जहां-जहां चुनाव लड़े, जीते हैं। पार्टी ने उन्हें मणिपुर का प्रभारी बनाया। तब वहां एक भी विधायक पार्टी का नहीं था, तब भी सरकार बनाकर लौटे। पूरे देश में उन्होंने काम किया है। नरसिंहपुर जिले में पहली बार पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। उनके काम करने का तरीका अलग है। कार्यकर्ताओं के बीच, जनता से जुड़ने का और विकास कार्यों का काम हो, मुझसे तो बहुत अच्छा है। उनके लड़ने से न केवल विधानसभा का बल्कि पूरे जिले का लाभ होगा। जिस विभाग में उन्होंने काम किया, टारगेट करके हर जिले में काम किया है। विकास के जो काम अधूरे हैं, वह उन्हें पूरा करेंगे।


विधायक होने के नाते आप भविष्य में किस तरह का विकास क्षेत्र में देखना चाहते हैं?

जालम सिंहः अब नरसिंहपुर में दो सेवक हो गए हैं। हमने एक खरब 38 अरब के काम किए हैं। एक पर्चा जनता के बीच दिया है। इथेनॉल प्लांट की संभावना और मेडिकल कॉलेज की संभावना जैसे काम उनके नेतृत्व में होंगे। डिमांड हमेशा होती है, उन्हें पूरा करना चाहिए। युवाओं की संख्या देखिये, उसे पूरा करना होता है। मैं उनके नेतृत्व में इसे प्रदेश की ही नहीं, देश की आदर्श विधानसभा बनाना चाहता हूं। हम विधायक विद्यालय चलाते हैं। इसमें सैकड़ों बच्चे पढ़े हैं। आईएएस, आईपीएस और मेडिकल के लिए बच्चों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा, इसके लिए काम करेंगे।

लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भी प्रह्लाद पटेल को विधानसभा का टिकट क्यों दिया?

जालम सिंहः पार्टी का जो निर्णय होता है, वह सर्वोपरि होता है। प्रह्लाद पटेल शक्ति केंद्र के तौर पर भारी है। मणिपुर के प्रभारी रहे हैं। युवा मोर्चा, मजदूर संघ में काम किया। पश्चिम बंगाल में 45 सीटें उन्हें दी गई थी, उसमें से 37 में पार्टी को जीत मिली है। यह कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। जो भूमिका देती है, वह हम निभाते हैं।

भाजपा ने अब तक मुख्यमंत्री का चेहरा क्यों नहीं दिया?

जालम सिंहः शिवराज जी 16 साल से मुख्यमंत्री हैं। लगातार उन्होंने काम किया है। प्रत्याशी हैं। बुधऩी से चुनाव लड़ रहे हैं। जब शिवराज जी जब युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष थे, तब प्रह्लाद पटेल महामंत्री थे। नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय जैसे नेताओं ने मिलकर काम किया है। 1990 में हमने युवा मोर्चा की वजह से पार्टी ने सरकार बनाई थी। यह टीम अच्छी है। सबके पारिवारिक रिश्ते हैं।

तीन दिसंबर के बाद शिवराज जी की भूमिका क्या रहेगी?

जालम सिंहः पार्टी नेतृत्व भूमिका तय करेगा। यहां कोई व्यक्ति अपनी भूमिका तय नहीं करता। प्रह्लाद पटेल भी अपनी मर्जी से यहां चुनाव लड़ने नहीं आए। पार्टी ने जो उन्हें दायित्व दिया है, वह उसे निभाने आए हैं।

कांग्रेस का आरोप है कि एंटी-इनकम्बेंसी है। नरसिंहपुर को कुछ नहीं मिला है।

जालम सिंहः कांग्रेस ने तो विकास किया ही नहीं। 2003 से 2023 तक 20 साल में जो विकास हुआ है, हमने किया है। सात शुगर मिल है, वह हम लाए हैं। दो फोरलेन निकली है, वह किसने किया? इस साल से इथेनॉल प्लांट शुरू होना है। गन्ने के किसानों को लाभ हुआ है। उद्योग लगने की संभावना है। लगा भी रहे हैं। कांग्रेस ने कभी काम नहीं किए, उन्हें तो विकास दिखेगा ही नहीं .|

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