VDO परीक्षा में सेंधमारी: फौजी ने 15 लाख रुपये में किया था नौकरी का सौदा; सरगना नाजिम समेत 11 गिरफ्तार
बरेली: बिहार के सॉल्वरों से यूपी के जिलों में प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर हल कराने वाला मास्टरमाइंड मुरादाबाद का नाजिम है। उसने प्रति अभ्यर्थी 10-15 लाख रुपये में परीक्षा पास कराने का ठेका ले रखा था। सोमवार को बरेली में पकड़ा गया फौजी अपनी और अपने भाई की नौकरी लगवाने की खातिर नाजिम गैंग के संपर्क में आया था।सोमवार को यूपीएसएससी की परीक्षा के पहले दिन एसटीएफ ने सॉल्वर गिरोह का भंडाभोड़ किया। एसटीएफ ने मुरादाबाद निवासी सरगना नाजिम समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा गिरोह में शामिल चार अन्य आरोपी भी अलग-अलग केंद्रों से पकड़े गए हैं।
ये आरोपी पकड़े गए
नाजिम निवासी मुरादाबाद (गैंग का सरगना)
जाबिर अली
मोहनिस
मुकेश कुमार
नीरज कुमार और संदीप कुमार निवासी बिहार
कुलदीप उत्तराखंड
सचिन पांडेय निवासी नालंदा, बिहार
केशव कुमार निवासी समस्तीपुर, बिहार
रतन कुमार, निवासी वैशाली, बिहार
दानिश अली निवासी मुरादाबाद
लखनऊ एसटीएफ को वीडीओ परीक्षा में सॉल्वर बैठाने की सूचना 15 दिन पहले मिल गई थी। इसीलिए अलग-अलग यूनिट को अलग टारगेट सौंप दिए गए। बरेली यूनिट के हिस्से में नाजिम के नेटवर्क की धरपकड़ आई।
2019 में पकड़ा जा चुका है नाजिम
नाजिम के बारे में बरेली के एसटीएफ प्रभारी अब्दुल कादिर ने जानकारी जुटाई तो पता लगा कि वह 2019 में मुरादाबाद में सीटेट परीक्षा में सॉल्वर बैठाने में पकड़ा गया था। उसका नंबर सर्विलांस पर लिया तो खास इनपुट नहीं मिला। बाद में पता लगा कि वह कुछ और नंबर भी चला रहा है और ज्यादा कॉलिंग व्हाट्सएप पर चल रही है। टीम सक्रियता से जुटी तो तार जुड़ते चले गए।
पता लगा कि भगतपुर निवासी मुकेश तेलंगाना में फौजी है। वह छुट्टी लेकर घर आया था। उसने अपनी और अपने भाई राजेंद्र की नौकरी के लिए नाजिम से बात की थी। उसने दोनों की नौकरी के लिए 30 लाख रुपये का खर्चा बताया था। कहा था कि कुछ रुपये ही एडवांस में देने होंगे, बाकी कॉल लेटर मिलने पर लेगा।
नाजिम के मुताबिक मुकेश समेत दूसरे अभ्यर्थियों से अभी 25-30 हजार रुपये ही लिए गए थे। इन रुपयों से बिहार से उसने सॉल्वर नीरज और संदीप को बुलाया था। दोनों वहां प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग चलाते हैं। नाजिम को बाहरी लोगों को साथ जोड़ने से खतरा था, इसलिए अपने छोटे भाई मोनिस और करीबी दोस्त कुलदीप को ही राजदार व मददगार बनाया था। ये भी पकड़ लिए गए।
मंगलवार को लखनऊ जाकर देना था पेपर
नाजिम ने सॉल्वरों को दो दिन के लिए बुक किया था। सूत्र बताते हैं कि पहली पाली में ही इन्होंने सॉल्वर बैठा दिए थे, जबकि एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि पहली पाली में ये लोग केवल माहौल भांप रहे थे। बाकी तीन पालियों में इन्हें पेपर सॉल्व करना था।
बताया गया कि जब रिठौरा स्थित केंद्र के सामने इन लोगों को पकड़ा गया तो फौजी के भाई राजेंद्र का पेपर संदीप को और एक अन्य परीक्षार्थी दुर्वेश चौधरी का पेपर नीरज को देना था। जाबिर अली का पेपर मंगलवार को लखनऊ में होना था। वहां जाबिर की जगह संदीप को बैठाया जाना था। नीरज भी लखनऊ में किसी अन्य अभ्यर्थी का पेपर देता, इससे पहले ही आरोपी पकड़ लिए गए।
नाजिम ने खुद की थी फोटो की मिक्सिंग
नाजिम ने अभ्यर्थियों की कद-काठी और चेहरे से मेल खाते हुए ही सॉल्वर चुने थे। इसके लिए कई दिन पहले ही उसने तैयारी कर ली थी। अभ्यर्थियों व सॉल्वर के चेहरों को फोटोशॉप से मिक्स करके प्रवेशपत्र से लेकर आधार व पैनकार्ड की कॉपी तक तैयार की गई थी। एक जैसे फर्जी प्रवेशपत्रों के सहारे ही सॉल्वरों को संबंधित परीक्षार्थियों की जगह अंदर भेजने और परीक्षा कराने की तैयारी थी।
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि एसटीएफ ने सॉल्वर गैंग पकड़कर कार्रवाई की है। हाफिजगंज पुलिस भी मदद के लिए साथ रही। हाफिजगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज करके आरोपियों को जेल भेजा जाएगा।