नोएडा में इंटरनेशनल ठगी गैंग का खुलासा: महाठगों के रडार पर थे 50 हजार अमेरिकी, अब तक ठग चुके हैं 70 करोड़ |
आरोपी चार साल गाजियाबाद व ग्रेनो वेस्ट की अलग-अलग सोसाइटियों में लोकेशन बदल बदलकर कॉल सेंटर संचालित कर विदेशियों से करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। आरोपी बेखौफ किराये पर फ्लैट लेकर ठगी करते रहे, लेकिन चार साल तक पुलिस और निवासियों को इसकी भनक नहीं लगी।
महागुन मायवुड्स सोसाइटी और गाजियाबाद की विंडसर सोसाइटी के फ्लैट में कॉल सेंटर चलाने वाले महाठगों के रडार पर 50 हजार अमेरिकी नागरिक थे।
एसटीएफ ने कॉल सेंटर से 50 हजार नागरिकों का डाटा नाम, मोबाइल नंबर आदि बरामद किया है। आरोपी एक माह में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी करते थे। चार साल में आरोपी लगभग 70 करोड़ की ठगी कर ऐश कर रहे थे। अब पुलिस आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने के लिए गैंगस्टर लगाने की तैयारी कर रही है। एसटीएफ के हत्थे चढ़ा एमबीए पास मुख्यारोपी अंकुर गुप्ता डार्क वेब कॉल जेनरेटिंग हैकर्स से संपर्क कर डाटा जुटाता था। डाटा की मदद से ही आरोपी अमेरिकी नागरिकों को बीमा पॉलिसी और मोबाइल बैंकिंग की विभिन्न समस्या दूर करने में मदद का झांसा देकर ठगी का शिकार बना रहे थे। आरोपियों ने लग्जरी कार व फ्लैट आदि खरीद लिए थे।
सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
आरोपी चार साल गाजियाबाद व ग्रेनो वेस्ट की अलग-अलग सोसाइटियों में लोकेशन बदल बदलकर कॉल सेंटर संचालित कर विदेशियों से करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। आरोपी बेखौफ किराये पर फ्लैट लेकर ठगी करते रहे, लेकिन चार साल तक पुलिस और निवासियों को इसकी भनक नहीं लगी। अमेरिका निवासी पीड़ितों की शिकायत के बाद एसटीएफ व पुलिस ने आरोपियों की लोकेशन तलाश कर कार्रवाई की। ग्रेनो वेस्ट में जिस फ्लैट में कॉल सेंटर पकड़ा गया, वह दिल्ली की रहने वाली प्रिया जैन का बताया गया है। प्रिया जैन से आरोपी अंकुश सिंह ने ये फ्लैट सितंबर में किराये पर लिया था।