जाति आधारित सर्वेक्षण के निष्कर्षों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर कल राजद बिहार में करेगा विरोध प्रदर्शन

Update: 2024-08-31 12:29 GMT

पटना। बिहार सरकार के जाति आधारित सर्वेक्षण के निष्कर्षों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय जनता दल रविवार को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगा। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि वह पटना में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे और बिहार के सभी 38 जिलों में इसी तरह के विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि बिहार पहला राज्य था जहां जाति जनगणना की गई थी और आरक्षण की सीमा बढ़ाई गई थी। उस समय हम जानते थे कि भाजपा अपने लोगों से इसके खिलाफ जनहित याचिका दायर करने के लिए कहेगी। इसीलिए महागठबंधन ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा लेकिन वे आरक्षण विरोधी हैं। वे नहीं चाहते कि पिछड़े वर्ग, दलितों और आदिवासियों को आरक्षण मिले।

उन्होंने कहा कि पहली बार हमने जाति आधारित सर्वेक्षण कराया और उसके बाद हमने आरक्षण को 65 प्रतिशत बढ़ाने का काम किया और उसके बाद हमने केंद्र सरकार को एक नोट भी भेजा कि इस आरक्षण की रक्षा के लिए इसे नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए। मगर भारत सरकार ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। यह साफ दिख रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछड़ों, दलितों के खिलाफ हैं और चाहे कुछ भी हो जाए हमारी पार्टी और हमारे लोग इस आरक्षण को शामिल करेंगे जिसे हमने नौवीं अनुसूची में बढ़ाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे पर चुप है। वह किसी भी तरह से बस मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं इसलिए कल पूरे बिहार में विरोध प्रदर्शन है।

बता दें सूत्रों के अनुसार JDU ने विशेष रूप से जातिगत जनगणना कराने की मांग की थी और OBC के लिए क्रीमी लेयर की सीमा को मौजूदा सीमा से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा था। JDU ने कहा था कि वर्तमान में क्रीमी लेयर की सीमा OBC वर्ग के लिए पर्याप्त नहीं है और इसे बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।

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