Bihar News : राजद विधायक ने अपने राष्ट्रीय नेता के खिलाफ खोला मोर्चा; लिखा- राजपूतों को टारगेट करना दोगलापन

Update: 2023-09-27 06:23 GMT

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने ही पार्टी विधायक और बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री ने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को करारा जवाब दिया था. अब राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा को पार्टी विधायक ने जमीन दिखा दी है. पिछली सदी में क्षत्रिय राजनीति के जरिए बाहुबल के दम पर दबदबा बनाने वाले पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह के बेटे ने एक तरह से तलवार हटा दी है. उन्होंने संसद में मनोज झा के बयान पर सार्वजनिक तौर पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने जो लिखा है वह राजद के भीतर अगड़े और पिछड़े की लड़ाई को सामने ला रहा है.

ये पाखंड... बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, पुरजोर विरोध होगा

आनंद मोहन सिंह के बेटे और राजद विधायक चेतन आनंद का सोशल मीडिया पोस्ट जब सामने आया तो स्वाभाविक तौर पर राजद के अंदर खलबली मच गई. यह पहली बार है कि किसी राजद विधायक ने किसी राष्ट्रीय नेता पर इतना तीखा हमला बोला है. उन्होंने लिखा- "हम 'ठाकुर' हैं साहब!! हम सबको साथ लेकर चलते हैं। हमने इतिहास में सबसे ज्यादा बलिदान दिया है। समाजवाद में एक जाति को टारगेट करना समाजवाद के नाम पर पाखंड के अलावा कुछ नहीं है। जब हम दूसरों की बात करते हैं तो सुन नहीं पाते।" गलत है, तो आप अपने (ठाकुरों) पर अशोभनीय टिप्पणी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने लिखा कि माननीय संसद श्री मनोज झा के विचारों का पुरजोर विरोध करती है.



मनोज झा ने ऐसा क्या कह दिया जिससे इतना हंगामा मच गया?

संसद के विशेष सत्र के दौरान राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर भाषण देते हुए राजद सांसद प्रो. मनोज झा ने ओमप्रकाश वाल्मिकी की एक कविता का हवाला दिया था. सांसद प्रो.मनोज झा ने दबंगई को परिभाषित करते हुए संसद में ओमप्रकाश वाल्मिकी की रचना 'ठाकुर का कुआं' पूरा सुनाया था. उन्होंने तीखे शब्दों में यह कविता सुनाई. इस कविता को पढ़ने से पहले ही मनोज झा ने कहा था कि यह किसी जाति विशेष पर टिप्पणी नहीं है. उन्होंने जो कविता 'अमर उजाला' में पढ़ी वह आपको जस की तस सुनाई जा रही है।


चूल्हा मिट्टी का

मिट्टी तालाब की

तालाब ठाकुर का।

भूख रोटी की

रोटी बाजरे की

बाजरा खेत का

खेत ठाकुर का।

बैल ठाकुर का

हल ठाकुर का

हल की मूठ पर हथेली अपनी

फ़सल ठाकुर की।

कुआँ ठाकुर का

पानी ठाकुर का

खेत-खलिहान ठाकुर के

गली-मुहल्ले ठाकुर के

फिर अपना क्या?

गाँव?

शहर?

देश? 


यह कविता दबंगई पर केंद्रित है, जिसे मनोज झा ने उसी अंदाज में सुनाया भी। यह सुनाने के बाद उन्होंने हालांकि सांसद, सरकार और खुद भी ठाकुर कहते हुए दबंग बताकर मामले को सुलझाने की कोशिश की। राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा के बयान का भाजपा ने खुला विरोध किया था, लेकिन अब जब राजद के अंदर बुलंद आवाज उठ गई है तो चेतन आनंद का सोशल मीडिया पोस्ट भी ज्यादा तेजी से वायरल हो रहा है और संसद में सुनाई गई कविता भी सुर्खियों में है।

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