यूक्रेन पर हो रहे शांति सम्मेलन में क्या कहना रहा अजीत डोभाल का..

Update: 2023-08-07 12:24 GMT

सऊदी अरब में यूक्रेन आपदा के हल के लिए शांति सम्मेलन हो रहा है. पोर्ट सिटी जेद्दाह में संचालित सम्मेलन में यूक्रेन के दस नियम शांति प्रस्ताव पर बात चीत हो रही है. इसी विषय में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी इस सम्मेलन के लिए सऊदी अरब पहुंचे हैं.सम्मेलन में लगभग 40 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रशिक्षक और बडे़ अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं.लेकिन इसमें रूस हिस्सा नहीं ले रहा है. रूस ने कहा है कि वो इस पर नजर रखेगा.रूस के सहयोगी चीन ने यूक्रेन पर हमले की बुराई नहीं की है लेकिन उसने कहा है कि वह अपने यूरेशियन मामलों के खास दूत ली हुई को बातचीत में शामिल होने के लिए जेद्दाह भेजेगा.चीन की तरह ही भारत भी यूक्रेन पर रूसी हमले की दोषारोपण से बचता रहा है.सम्मेलन में हिस्सा ले रहे भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कहा है कि भारत युद्ध शुरू होने के तुरंत बाद से ही रूस और यूक्रेन से लगातार बात चीत कर रहा है.उनका कहना है कि भारत 'यूएन चार्टर में मौजूद नियम और अंतरराष्ट्रीय कानूनों पर आधारित विश्व व्यवस्था का सक्षम है.'डोभाल ने कहा कि उनका देश रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का टिकनेवाला समाधान चाहता है. इसके लिए वो लगातार कोशिश कर रहा है.शांति सम्मेलन में हिस्सा लेने जेद्दाह पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि भारत यूक्रेन युद्ध के हल के लिए लगातार पूरी कोशिश कर रहा है.भारत यूक्रेन में शांति के लिए शुरू से ही बातचीत और दाँव-पेंच का तरफदार रहा है. यूक्रेन संकट का ऐसा हल निकाला जाना चाहिए जो रूस और यूक्रेन दोनों को मंजूर हो. भारत के लिए इससे ज्यादा खुशी की कोई बात नहीं होगी.इस साल की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान में G -7 सम्मेलन के इतर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से मुलाकात के दौरान कहा था कि भारत इस संकट के हल के लिए जो भी मुमकिन होगा करेगा.

विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह चीन ने ईरान और सऊदी अरब का समझौता कराने के बाद एक बड़ी दाँव-पेंच सफलता हासिल की है ठीक उसी तरह की सफलता सऊदी अरब भी चाहता है.अगर सऊदी अरब में होने वाले सम्मेलन में यूक्रेन और रूस के बीच कोई समझ बनती है तो वो सऊदी अरब की बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत होगी.|

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