US-Canada: पन्नूं की हत्या की कोशिश, निज्जर मर्डर केस में भारत की प्रतिक्रिया में फर्क! उच्चायुक्त ने बताई वजह
US-Canada: पन्नूं की हत्या की कोशिश, निज्जर मर्डर केस में भारत की प्रतिक्रिया में फर्क! उच्चायुक्त ने बताई वजह
अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नूं की हत्या की कोशिश और कनाडा में आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के मामले में भारत की तरफ से अलग-अलग प्रतिक्रियाओं को लेकर पहली बार किसी उच्चस्तरीय अफसर ने बयान दिया है। कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने भारत की ओर से दोनों मामलों में जांच की नीति को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका की तरफ से पन्नूं की हत्या के प्रयासों के मामले में दिए गए इनपुट कानूनी तौर पर देखने योग्य थे। हालांकि, निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा ने भारत के साथ सिर्फ आरोप ही साझा किए।
भारतीय उच्चायुक्त ने यह भी साफ किया कि अमेरिका की तरफ से पन्नूं मामले में जो आरोप लगाए गए हैं, वह भारत सरकार को लेकर नहीं हैं, बल्कि भारत से जुड़े 'लोगों' को लेकर हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में एक अमेरिकी अखबार ने अधिकारियों के हवाले से दावा किया था कि अमेरिका ने अपनी जमीन पर आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने के प्रयास को नाकाम किया है और उसने इस साजिश को लेकर भारत को अलर्ट दिया है। अमेरिका की तरफ से आई इस चेतावनी पर विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वह इन इनपुट्स को पूरी गंभीरता से देख रहा है और संबंधित विभाग इसकी जांच कर रहे हैं।
दूसरी तरफ कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत की प्रतिक्रिया काफी अलग रही। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की तरफ से खुद इस मामले में आरोप लगाए जाने के बावजूद भारत ने साफ किया है कि उसे अब तक निज्जर की हत्या के मामले में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। विदेश मंत्रालय ने निज्जर मामले में कनाडा के आरोपों को नकारते हुए सबूत मिलने के बाद ही मामले में पुख्ता जांच के लिए कदम उठाने की बात कही है।
अमेरिका से मिले इनपुट्स पर क्या बोले भारतीय उच्चायुक्त?
अब कनाडा के प्रमुख टीवी चैनल सीटीवी को दिए इंटरव्यू में उच्चायुक्त वर्मा ने अमेरिका और कनाडा के मामलों में भारत की प्रतिक्रिया को लेकर फर्क पर स्पष्टीकरण दिया है। उनसे जब अमेरिका की तरफ से दिए गए इनपुट्स पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, "अमेरिका से मिले इनपुट गैंगस्टर्स, ड्रग पेडलर्स (नशा बेचने वाले), आतंकियों और गुंडों के गठजोड़ को लेकर हैं और यह माना जा रहा है कि इनका भारत से कुछ कनेक्शन है। अब जब मैं कहता हूं कि भारत से कनेक्शन तो इसका यह मतलब नहीं कि भारत सरकार से कनेक्शन। भारत में 1.4 अरब लोग रहते हैं, तो अमेरिका में हुई घटना का भारत से कुछ कनेक्शन है। हम मामले में जांच के लिए तैयार हैं, क्योंकि हमें कानूनी तौर पर देखने योग्य इनपुट्स मिले हैं।"
हालांकि, वर्मा ने साफ किया कि वे इस जांच को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं रखते, क्योंकि कनाडा के उच्चायुक्त होने की वजह से वे अमेरिका-भारत के रिश्तों की निगरानी नहीं करते। हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर मामले में जांच शुरू हुई है तो इसका मतलब है कि भारत के साथ अमेरिका ने ज्यादा बेहतर जानकारी साझा की है।
फिर कनाडा को दी गई प्रतिक्रिया में फर्क क्यों?
दूसरी तरफ कनाडा में निज्जर हत्या मामले को लेकर वर्मा ने कहा, "दोनों देशों के बीच इसे लेकर बातचीत हुई है। लेकिन हमें मामले में जांच के लिए अपने कानूनी प्राधिकारियों के पास वापस जाने के लिए कुछ पुख्ता सबूत चाहिए थे, ताकि उनसे जांच की मंजूरी हासिल की जा सके। तो जब तक हमें कनाडा की तरफ से इस तरह के पुख्ता इनपुट्स नहीं मिल जाते, तब तक एक कानून को मानने वाले देश में जांच के साथ आगे बढ़ना संभव नहीं हैं। उच्चायुक्त ने साफ किया कि कनाडा ने अब तक निज्जर हत्या मामले से जुड़ी स्पष्ट जानकारी मुहैया नहीं कराई है।