टावर ब्रिज-लंदन ब्रिज

Update: 2024-10-29 11:20 GMT

सिंदबाद ट्रैवल्स-32

इंग्लैंड-लंदन

Underground Tube यानी कि लंदन की मेट्रो से Earl's Court station से मैं London Bridge station लगभग आधे घंटे में पहुंच गया। सबसे पहले मैं स्टेशन से निकल कर लंदन ब्रिज पर पहुंचा। लंदन शहर में टेम्स नदी को पार करने को कई पुल बनते रहे और समय समय पर लगभग सभी को लंदन ब्रिज कहा जाता था। ये लंदन ब्रिज एक सुंदर आधुनिक किस्म का पुल था जो 1973 में चालू हुआ बताया। अब चूंकि इसका इतना नाम था तो मैंने उस पर थोड़ी चहल कदमी की और उसके ऊपर से टेम्स नदी को निहारा लेकिन सच कहूं तो इस लंदन ब्रिज में मुझको इतना कुछ खास नहीं लगा हां बस उस पर खड़े खड़े मुझको London Bridge is falling down, falling down, falling down, my fair lady की कविता जरूर याद आ रही थी। खैर अब मैं पैदल ही चल दिया Tower bridge की ओर।

लंदन ब्रिज से टावर ब्रिज की दूरी लगभग 1 से डेढ़ किलोमीटर रही होगी जो कि टेम्स नदी के किनारे चलते हुए मैंने लगभग 25-30 मिनट में तय की होगी। बड़ा मनोरम दृश्य था, अनगिनत सैलानी भी थे वहां और टेम्स नदी बड़ी सुंदर प्रतीत हो रही थी। मैंने एक कोका कोला का टिन लिया था और मजे से उसका आनंद उठाते हुए टॉवर ब्रिज की तरफ बढ़ रहा था। टॉवर ब्रिज पहुंचने के पहले मेरा कोका कोला खत्म हो गया तो अपने बांए हाथ पर एक बड़े से पत्थर पर मैंने कोक का खाली टिन रख दिया। मैं खाली टिन रख कर शायद दो कदम भी नहीं बढ़ पाया था कि सामने से दूसरे हाथ पर आ रही एक वृद्ध अंग्रेज महिला मुझ पर चिल्ला पड़ीं। वो लगभग 68-70 वर्ष की महिला थीं पहले तो मेरी समझ में ही नहीं आया कि नीली स्कर्ट जैसी ड्रेस और उस पर हैट लगाए ये महिला मुझसे कुछ कह रहीं हैं किंतु अगले ही पल मेरी समझ में आ गया कि वो मुझको कोका कोला का खाली टिन पत्थर पर छोड़ देने के लिए डांट रही थीं, मैं अपनी गलती पर बहुत शर्मिंदा हुआ और घबरा भी गया, मैंने उनसे क्षमा मांगते हुए तुरंत वो खाली कैन उठाया और उसको आगे चल कर एक डस्टबिन में डाला। मैंने तब भी सोचा और आज भी सोचता हूं कि हमारा देश तभी स्वच्छ हो सकता है जब यहां के आम नागरिक में भी स्वच्छता के लिए इतनी चेतना, प्रतिबद्धता और समर्पण हो। आज भी कभी कार आदि में चलते वक़्त यदि मैं गलती से शीशा खोल कर सड़क पर कुछ फेंकना चाहूं तो मेरी बेटी ऐश्वर्या तुरंत मुझको टोकती है और तब मुझको लंदन की वो वृद्ध महिला खूब याद आती हैं।

अब मुझको सामने भव्य Tower bridge दिख रहा था। टॉवर ब्रिज टेम्स नदी पर बना एक अत्यंत विशाल पुल है जिसके दोनों किनारों पर एक एक tower बना हुआ है और दोनों टॉवरों के ऊपर के हिस्से जैसे बंधे हुए हैं। इस पुल की ऊंचाई लगभग 42 मीटर और लंबाई लगभग 244 मीटर है। इस पर जमीन के लेबल पर और लिफ्ट से जाने पर 4 मंजिल ऊपर दोनों टावरों के बीच भी पैदल आने जाने का रास्ता walk way बना हुआ है। इस पुल की खासियत ये है कि पानी के जहाज आने पर ये पुल दो भागों में ऊपर उठ जाता है और नीचे से पानी का जहाज आराम से निकल जाता है। इस पुल को उठाने में प्रयुक्त होने वाली सारी मशीनरी इन टॉवरों में लगी है और टिकट लेकर वहां जाकर बड़े बड़े इंजन, व्हील्स आदि पुल उठाने वगैरह की तमाम व्यवस्थाएं देखने को मिलती है जो किसी को भी चमत्कृत करने को पर्याप्त हैं। बताते है कि इस टॉवर ब्रिज को बनाने में लगभग 11 हजार टन स्टील का इस्तेमाल हुआ था और ये ब्रिज उपयोग के लिए ईस्वी सन 1894 में खोला गया था। इस पुल पर ऊपर के हिस्से में चलते हुए आप लंदन का काफी हिस्सा देखने का आनंद उठा सकते हैं। इस पुल को बनाने में प्रयुक्त हुई इंजीनियरी काबिले तारीफ है। लंदन जाने वालों को tower bridge a must see है और इसको अवश्य देखना चाहिए।

अगले अंक में चर्चा होगी टावर ऑफ लंदन की...

लेखक अतुल चतुर्वेदी भारत से कांच हस्तशिल्प उत्पादों के पहले निर्माता निर्यातक एवं प्रमुख उद्योगपति हैं। प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता, इतिहास, संस्कृति, सामाजिक मुद्दों, सार्वजनिक नीतियों पर लेखन के लिए जाने जाते हैं। तीन दशक से अधिक वैश्विक यात्राओं के साक्षी। 

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