फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए भारत ने बढ़ाए मदद के हाथ; ड्रग्स तस्करी में भारतीय मूल के युवक को सजा

By :  SaumyaV
Update: 2023-11-21 13:06 GMT

भारत ने फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्लूए) को 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर दान दिए। वहीं दूसरी ओर, भारतीय मूल के युवक को ड्रग्स तस्करी के आरोप में सिंगापुर में सजा सुनाई गई। 

फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र को भारत ने 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर दान दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्लूए) ने मंगलवार को भारत द्वारा गाजा के शरणार्थियों के लिए दिए सहयोग का स्वागत किया। फलस्तीनी शरणार्थियों को दी जाने वाली शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, राहत और सामाजिक सेवाओं समेत एजेंसी के मुख्य कार्यक्रमों और सेवाओं का समर्थन करते हुए भारत ने 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर दिए। 

आधिकारिक विज्ञप्ति में दी गई जानकारी के अनुसार, भारतीय प्रतिनिधि ने यरुशलम में यूएनआरडब्ल्यूए के क्षेत्रीय कार्यालय में भारत के निरंतर समर्थन को रेखांकित किया। यूएनआरडब्ल्यूए की प्रवक्ता तमारा अलरिफाई ने कहा, इस कठिन समय में गाजा के शरणार्थियों के बेहतर भविष्य के लिए भारत के योगदान का स्वागत करते हैं।

भारत लगातार कर रहा मदद

इससे पूर्व नवंबर माह में भारत ने मिस्र के अल अरिश हवाई अड्डे के जरिए फलस्तीनी नागरिकों के लिए 32 टन राहत सामग्री पहुंचाई गई थी। वहीं 2018 से भारत ने यूएनआरडब्ल्यूए को 27.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर दिए हैं। बता दें वर्ष 2020 में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत ने घोषणा की थी कि वह अगले दो वर्षों में यूएनआरडब्ल्यूए को 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सहयोग देगा।

क्या है मामला

हमास-इस्राइल युद्ध के बीच भीषण युद्ध जारी है। लगातार इस्राइल द्वारा गाजा स्थित आतंकी संगठन हमास के ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है। गौरतलब है कि सात अक्तूबर को हमास ने इस्राइल पर अचानक पांच हजार रॉकेट दाग दिए। जिसके बाद से दोनों के बीच युद्ध शुरू हुआ। भीषण युद्ध के बीच, यूएनआरब्ल्यूए गाजा स्थित फलस्तीनियों को बुनियादी सेवाएं देने के लिए कार्य कर रहा है। युद्ध के बाद से गाजा की आबादी के दो तिहाई लोग अपने घरों से भागने को मजूबर हुए हैं।  

ड्रग्स तस्करी के आरोप में भारतीय मूल के युवक को 10 वर्ष की सजा

मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में सिंगापुर में भारतीय मूल के युवक को सजा सुनाई। एक सामुदायिक केंद्र में सफा ईकर्मी देवेन्द्रन शानुगम को तस्करी के इरादे से ड्रग्स रखने के दो आरोपों में साफतौर पर दोषी ठहराया गया है। सोमवार को सुनवाई के दौरान युवक को मामले में 10 वर्ष की सजा सुनाई गई।

केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरों ने आरोपी को वर्ष 2022 के मई माह में गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उसने प्रतिबंधित दवाईयों और नकली दवाएं तस्करी के इरादे से उठाई थी। टिबेन राज के खिलाफ मामला अभी भी लंबित है। बता दें यह मामला तब सामने आया कि जब एक व्यक्ति को हेरोइन और मेथामफेटामाइन के साथ पकड़ा था। आरोप है कि वर्ष 2022 में जनवरी और मई के बीच आरोपी ने दवाईयां एकत्र और बांटी थी। जिसके लिए आरोपी ने प्रत्येक डिलीवरी के लिए 500, 2000 सिंगापुर डॉलर लिए थे।  

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