'अमेरिका और दक्षिण कोरिया अगर उकसाएं तो उन्हें तबाह कर दो', किम जोंग ने अपनी सेना को दिया आदेश

By :  SaumyaV
Update: 2024-01-01 07:52 GMT

रविवार को किम जोंग उन ने उत्तर कोरियाई सेना के कमांडिंग अफसरों के साथ बैठक की। इस बैठक में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अपनी सैन्य तैयारियों को मजबूत करने की जरूरत है। 

उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन ने अपनी सेना को आदेश दिया है कि अगर अमेरिका और दक्षिण कोरिया कोई उकसावे वाली कार्रवाई करें तो वह उन्हें पूरी तरह से तबाह कर दें। उत्तर कोरियाई मीडिया के अनुसार, किम जोंग उन ने राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने पर भी जोर दिया। उत्तर कोरिया में सत्ताधारी पार्टी की पांच दिवसीय बैठक चल रही है। इसी बैठक के दौरान शनिवार को किम जोंग उन ने बताया कि साल 2024 में तीन और सैन्य जासूसी सैटेलाइट लॉन्च करने का लक्ष्य रखा गया है। बीते नवंबर में ही उत्तर कोरिया ने अपने पहले सैन्य जासूसी सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण किया था। 

 किम जोंग उन ने दी धमकी

रविवार को किम जोंग उन ने उत्तर कोरियाई सेना के कमांडिंग अफसरों के साथ बैठक की। इस बैठक में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अपनी सैन्य तैयारियों को मजबूत करने की जरूरत है। किम ने कहा कि 'हमारी सेना को सभी जरूरी कदम उठाकर हमारे खिलाफ कार्रवाई करने वाले देशों को पूरी तरह से तबाह कर देना चाहिए और इसके लिए उन्हें पलभर नहीं हिचकना चाहिए।'

कोरियाई तानाशाह ने कहा कि 'कोरिया गणराज्य ताकत के माध्यम से वास्तविक, स्थायी शांति का निर्माण कर रहा है, न कि एक विनम्र शांति का, जो प्रतिद्वंद्वी की सद्भावना पर निर्भर करती है।' किम ने दक्षिण कोरिया की आलोचना करते हुए उसे 'औपनिवेशिक अधीनस्थ राज्य' बताया, जिसका समाज 'यांकी संस्कृति से कलंकित' है। उन्होंने कहा सेना को संघर्ष की स्थिति में 'दक्षिण कोरिया के पूरे क्षेत्र को कब्जाने के लिए परमाणु हथियारों सहित सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करना चाहिए।

उत्तर कोरिया के पास करीब 100 परमाणु बम होने की आशंका

बता दें कि उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन चीन और रूस के साथ मिलकर अपनी सेना को मजबूत बनाने में जुटे हैं। साथ ही उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को भी बढ़ाने में जुटे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर कोरिया के पास 20-30 परमाणु बमों से लेकर 100 से ज्यादा बम तक हो सकते हैं। हालांकि कई रक्षा विशेषज्ञ ऐसा मानते हैं कि उत्तर कोरिया के सामने अभी भी कुछ तकनीकी चुनौतियां हैं, जिसकी वजह से वह इंटर-कॉन्टिनेंटल मिसाइल बनाने में सफल नहीं हुआ है। हालांकि इसकी कम दूरी की परमाणु मिसाइलें जापान और दक्षिण कोरिया को निशाना बना सकती हैं।

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