कनाडा: जस्टिन ट्रूडो के बदले सुर, माना- भारत आर्थिक ताकत, संबंध मजबूत करना जरूरी

Update: 2023-09-29 05:21 GMT

भारत और कनाडा के बीच चल रहे कूटनीतिक विवाद में भारत ने कनाडा को उसी की भाषा में जवाब दिया है. अब कनाडा के सुर बदलते नजर आ रहे हैं. आपको बता दें कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि कनाडा अभी भी भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. जस्टिन ट्रूडो ने यह भी माना कि भारत एक बढ़ती हुई आर्थिक शक्ति है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

ट्रूडो ने माना- भारत एक बढ़ती आर्थिक शक्ति है

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने गुरुवार को कनाडा के मॉन्ट्रियल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि 'उनका मानना है कि कनाडा और उसके सहयोगियों के लिए भारत के साथ संबंध मजबूत करना बहुत महत्वपूर्ण है. विश्व के विभिन्न मंचों पर भी भारत को महत्व दिया जा रहा है। ट्रूडो ने कहा कि भारत एक बढ़ती हुई आर्थिक शक्ति है और भूराजनीतिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है। भारत हमारी हिंद प्रशांत महासागर रणनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसलिए हम भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने को लेकर काफी गंभीर हैं.

'अमेरिका हमारे साथ'

जस्टिन ट्रूडो ने यह भी कहा कि 'साथ ही, कानून के शासन वाले देश के रूप में, हम चाहते हैं कि भारत कनाडा के साथ मिलकर काम करे और सुनिश्चित करे कि सभी तथ्य हमारे सामने हों।' ट्रूडो ने यह भी कहा कि उन्हें अमेरिका से आश्वासन मिला है कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत के दौरान निज्जर की हत्या का मुद्दा भी उठाएंगे. ट्रूडो ने कहा कि अमेरिका हमारे साथ है और वह कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या का मुद्दा भारत के सामने उठा रहा है.

क्या है भारत-कनाडा विवाद?

ट्रूडो ने कहा कि 'सभी लोकतांत्रिक देश चाहते हैं कि सभी देश उनके कानून का सम्मान करें और इसे गंभीरता से लें।' आपको बता दें कि इसी साल जून में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में हत्या कर दी गई थी. कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में कनाडाई संसद में आरोप लगाया था कि उनकी सरकार को खुफिया जानकारी मिली है कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल हो सकते हैं. ट्रूडो के इस आरोप के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई और भारत ने ट्रूडो के बयान को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया. इसके बाद कनाडा ने एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया और जवाब में भारत ने भी एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया. इसके अलावा भारत ने कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करने पर भी रोक लगा दी है.|

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