गाजियाबाद में गणतंत्र दिवस व अन्य त्योहारों को लेकर लगाई धारा 163
- मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना नही कर सकता कोई जुलूस और सभा
मोहसिन खान
गाजियाबाद। पुलिस कमिश्नरेट की ओर से गाजियाबाद में आज से 16 फरवरी तक धारा 163 लागू कर दी गई है। इसे लागू करने के पीछे मोहम्मद हजरत अली का जन्मदिन, मकर संक्रांति का पर्व, जननायक कर्पूरी ठाकुर का जन्मदिन, गणतंत्र दिवस, वसंत पंचमी, संत रविदास जयंती, शबे बारात आदि त्योहारों, धार्मिक संस्कृतियों के कार्यक्रमों, राजनीतिक पार्टियों और संगठनों द्वारा समय-समय पर किए जाने वाले विरोध प्रदर्शन और अलग-अलग परीक्षाओं का हवाला दिया गया है।
क्या होती है धारा 163 और क्या रहते हैं प्रतिबंध?
किसी भी जिले में धारा 163 लागू होने के बाद, किसी भी सार्वजनिक स्थल पर पांच या पांच से अधिक लोग बिना किसी अधिकारी की अनुमति के धरना या जुलूस आयोजित करने के लिए एकत्र नहीं हो सकते। कोई भी जाति विशेष का व्यक्ति या समूह अपने नगर, गांव, मोहल्ले या अन्य स्थानों पर जाकर कोई ऐसा कार्य नहीं कर सकता जिससे हिंसा या विवाद की संभावना हो। किसी गांव या मोहल्ले में ऐसे व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा, जिसके जाने से क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती हो।
कोई भी व्यक्ति किसी सक्षम अधिकारी या मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना कोई जुलूस, सभा, सम्मेलन, धरना प्रदर्शन, या रैली आयोजित नहीं कर सकता। हालांकि विवाह या शव यात्रा पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होता है। कोई भी व्यक्ति किसी अस्त्र-शस्त्र, विस्फोटक पदार्थ, या ऐसी वस्तु जो आक्रमण में उपयोग की जा सकती हो, जैसे चाकू, भाला, बरछी, तलवार, छुरा आदि लेकर नहीं चल सकता है। पेट्रोल पंप मालिक या खुदरा विक्रेता पेट्रोल या डीजल को वाहन के अलावा किसी बोतल या कंटेनर में नहीं दे सकते। होटल या धर्मशाला के मालिक या मैनेजर को किसी भी व्यक्ति को उसकी पहचान स्थापित किए बिना कमरा नहीं देना चाहिए।