Yuvraj On Dhoni: 'हम अच्छे दोस्त नहीं हैं...', धोनी को लेकर युवराज सिंह का बड़ा खुलासा, वजह जानकर चौंक जाएंगे

Update: 2023-11-05 06:27 GMT

वर्ल्ड कप 2023 के रोमांच के बीच ही टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी युवराज सिंह ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने एक शो के दौरान अपने और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एम एस धोनी के बीच के संबंध को बताया है। धोनी और युवराज टीम इंडिया के ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जिन्होंने एक साथ भारत को कई बड़ी ट्रॉफियां जिताने में मदद की है। शो में युवराज सिंह ने बताया कि टीम के पूर्व कप्तान धोनी कभी भी उनके खास दोस्त नहीं थे।


युवराज सिंह ने किया बड़ा खुलासा 

शो में युवराज सिंह ने बताया कि वे और एम एस धोनी दोनों टीम इंडिया के लिए खेलते थे, लेकिन वो दोनों कभी भी अच्छे दोस्त नहीं रहे। उन्होंने कहा कि टीम में भले ही वे एकसाथ रहे, लेकिन वास्तविक जीवनशैली अलग-अलग होने के कारण वे कभी मैदान के बाहर अच्छे दोस्त नहीं बन पाए। 


 युवराज ने कहा, 'मैं और माही जिगरी दोस्त नहीं हैं, हम केवल क्रिकेट की वजह से दोस्त थे। हमने साथ में खेला है। माही की जीवनशैली मुझसे बिलकुल अलग थी और इसलिए हम कभी भी जिगरी दोस्त नहीं बन पाए। जब मैं और माही मैदान पर जाते थे, तो हम दोनों अपना 100 प्रतिशत से ज्यादा देते थे। उस समय वह टीम के कप्तान थे और मैं उपकप्तान। जब मैं टीम में आया तब मैं चार साल जूनियर था। जब आप कप्तान और उपकप्तान होते हैं तो आपके निर्णय में मतभेद भी होते हैं।'


उन्होंने आगे कहा, 'कभी-कभी वह जो भी निर्णय लेते थे मुझे वह पसंद नहीं आता था। कभी मै जो निर्णय लेता था, वह उन्हें पसंद नहीं आता था। यह हर टीम में होता है। जब मैं अपने करियर के आखिरी दौर में था, तब मैंने उनसे सलाह मांगी थी। वह वही व्यक्ति थे, जिन्होंने मुझे बताया कि चयन समिति फिलहाल आपके बारे में नहीं सोच रहे हैं और यह 2019 वर्ल्ड कप के ठीक पहले की बात थी।'

जरूरी नहीं कि टीम के खिलाड़ी आपके अच्छे दोस्त हो: युवराज

युवराज सिंह ने शो में बताया कि जरूरी नहीं कि टीम के खिलाड़ी हमेशा आपके जिगरी दोस्त हो। उन्होंने कहा, 'मैदान के बाहर जरूरी नहीं कि आपके टीम के सदस्य आपके अच्छे दोस्त हो। सभी की अलग-अलग जीवनशैली होती है। कुछ लोग कुछ खास लोगों के साथ घूमते हैं। मैदान पर जाने के लिए ये जरूरी नहीं कि आप टीम के हर एक खिलाड़ी के अच्छे दोस्त हो। किसी भी टीम की बात कर लें, सभी 11 खिलाड़ी एकसाथ नहीं होते। जब आप मैदान में होते हैं तो आप अपने अहंकार को बाहर रखते हैं और मैदान में अपना योगदान देते हैं।'

उन्होंने आगे बताया, 'एक बार ऐसा भी हुआ कि धोनी घायल थे और उनकी जगह मैं रनर के तौर पर दौड़ रहा था। मुझे याद है कि एक बार वह 90 के स्कोर में खेल रहे थे और मैं उन्हें स्ट्राइक देने की कोशिश कर रहा था जिससे की वह अपना शतक पूरा करे। जब मैं वर्ल्ड कप मैच में नीदरलैंड के खिलाफ 48 रन पर नाबाद खेल रहा था, तब उन्होंने मेरा अर्धशतक पूरा करने के लिए दो गेंदें रोकी थी।'

युवराज ने टीम इंडिया के लिए 40 टेस्ट मुकाबलों में 33.92 की औसत से 1900 रन बनाए जिसमें तीन शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं उन्होंने 304 वनडे खेलते हुए 14 शतक और 52 अर्धशतक की मदद से 8701 रन बनाए। टी20 में युवराज में आठ अर्धशतक की मदद से 58 मैचों में भारत के लिए 1177 रन बनाए। 


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