170 फोन में छिपा है शराब घोटाले का राज, आखिर संजय सिंह ने कोर्ट को क्यों नहीं बताया मोबाइल कहां है
नई दिल्ली। 170 मोबाइल फोन में शराब घोटाले का विस्तृत राज छिपा है, यह ईडी की जांच में सामने आया है। ईडी की माने तो आम आदमी पार्टी के नेताओं ने उन 170 फोन को नष्ट कर दिया जिसमें शराब घोटाले का राज छुपा था। फिर भी ईडी ने इतना सबूत तो जुटा ही लिया जिसके चलते कोर्ट ने शराब घोटाले के 16 आरोपियों को जेल की हवा खिला दी।
जहां तक मोबाइल में शराब घोटाले की राज की बात है तो इसमें अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह सभी शक के घेरे में स्वाभाविक रूप से आते हैं। जब अरविंद केजरीवाल से ईडी ने पूछा कि आपका मोबाइल कहां है तो उनका जवाब था कि मुझे नहीं पता। सवाल उठता है कि एक मुख्यमंत्री को अपने फोन के बारे में क्यों नहीं पता। इसी तरह जब ईडी ने मनीष सिसोदिया से फोन मांगा तो उनका बचकाना सा जवाब था कि मैं कहीं फोन भूल गया हूं। संजय सिंह का जवाब तो खूब रहा। उन्होंने कहा कि मेरा फोन कहां है, यह जवाब मैं कोर्ट में दूंगा। हालांकि वह जेल से बाहर आ गए लेकिन यह जवाब कोर्ट में नहीं दिया। अब संजय सिंह का कहना है कि शराब घोटाला एक सुनियोजित साजिश है जिसे सिर्फ बयानों के आधार पर उठाया गया है।
सवाल उठता है अगर उनके फोन में घोटाले से संबंधित कोई बात नहीं है तो फिर फोन छुपाने की उन्हें जरूरत क्यों पड़ी। अरविंद केजरीवाल ने तो अपने फोन का पासवर्ड भी नहीं बतायाः हालांकि अगर वह पाक साफ हैं तो पासवर्ड बताने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
क्यों नहीं मिला मनीष सिसोदिया को बेल
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई में बाकायदा घोटाले का फिगर रखा। कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत अजी को इस आधार पर खारिज किया कि 338 करोड़ का घोटाला हुआ है।
तो इसीलिए कोर्ट ने सुनवाई शुरू की
ईडी ने शराब घोटाले के सिलसिले में थोड़े बहुत सबूत के साथ शरद रेड्डी, दिनेश अरोड़ा, राघव मंगोटा, एमएस रेड्डी से पहले पूछताछ की फिर इनका बयान जुडिशल मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत लिया गया। कोर्ट ने उनके बयान को ईडी के सबूत के साथ मैच किया तो वह मैच हो गया। इस आधार पर कोर्ट ने शराब घोटाले की सुनवाई शुरू की।