पीएम मोदी मिस्र यात्रा: मिस्र दौरे में मोदी-फतेह लिखेंगे द्विपक्षीय संबंधों का नया अध्याय; आर्थिक समझौता संभव

पश्चिम एशिया में एक प्रमुख शक्ति होने के अलावा मिस्र इस्लामी जगत की एक तटस्थ और मजबूत आवाज है। ऐसे में इस्लामिक देशों में पैठ बनाने के साथ-साथ पश्चिम एशिया की महाशक्ति मिस्र की मदद कर ग्लोबल साउथ की आवाज बनने की भारत की रणनीति भी सफल हो सकती है.

Update: 2023-06-19 06:11 GMT

पीएम मोदी की पहली यात्रा के दौरान मिस्र और भारत द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय लिखेंगे. पीएम के दो दिवसीय दौरे में दोनों देश व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने पर भी सहमत हो सकते हैं। यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो मिस्र भारतीय मुद्रा में आवश्यक वस्तुओं का आयात कर सकता है।

दरअसल मौजूदा हालात में दोनों देशों को एक दूसरे की मदद की जरूरत है। सैन्य ताकत बनने की चाहत रखने वाला मिस्र भारत से सैन्य हेलीकॉप्टर, तेजस लड़ाकू विमान, आकाश मिसाइल और कई अन्य सैन्य उपकरण चाहता है। मिस्र तकनीकी शिक्षा के मामले में भी भारत से मदद चाहता है। दूसरी ओर, चीन से आयात कम करने की योजना पर काम कर रहा भारत उर्वरक के अलावा मिस्र से गैस की आपूर्ति बढ़ाना चाहता है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फत्ताह एलासी चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच सालाना व्यापार 12 अरब डॉलर तक पहुंच जाए।

मिस्र भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

पश्चिम एशिया में एक प्रमुख शक्ति होने के अलावा मिस्र इस्लामी जगत की एक तटस्थ और मजबूत आवाज है। ऐसे में इस्लामिक देशों में पैठ बनाने के साथ-साथ पश्चिम एशिया की महाशक्ति मिस्र की मदद कर ग्लोबल साउथ की आवाज बनने की भारत की रणनीति भी सफल हो सकती है.

इसलिए भारत सतर्क हुआ...

मिस्र ने कश्मीर में हुई G-20 वर्किंग ग्रुप की बैठक से दूरी बना ली थी. बैठक से खुद को दूर करने वालों में चीन, तुर्की और सऊदी भी शामिल थे। मिस्र का यह रवैया तब सामने आया जब इस साल भारत ने अलस्सी को गणतंत्र दिवस का मुख्य अतिथि बनाया। शायद इसी रवैये की वजह से मोदी के मिस्र दौरे की पटकथा तैयार हुई. सरकारी सूत्रों ने बताया कि मिस्र ब्रिक्स का सदस्य बनने में दिलचस्पी रखता है। भारत इसमें उसका साथ देगा।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी 24 से 25 जून तक मिस्र की राजकीय यात्रा पर काहिरा जाएंगे। मोदी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के निमंत्रण पर यह दौरा कर रहे हैं। अल-सिसी ने इस साल भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की थी। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री को मिस्र दौरे का न्यौता दिया था। प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी की यह पहली मिस्र यात्रा होगी।

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