पीएम मोदी ने ऑस्ट्रिया में भी यह बात दोहराई- यह युद्ध का समय नहीं है, समस्याओं का समाधान रणभूमि में नहीं हो सकता
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर ने ऑस्ट्रिया के वियना के संघीय चांसलरी में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक की। इस दौरान दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर बातचीत की। इससे पहले पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने संघीय चांसलरी की अतिथि पुस्तिका पर हस्ताक्षर भी किए।
बैठक के बाद पीएम मोदी और चांसलर ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों की युवा शक्ति और विचारों को कनेक्ट करने के लिए स्टार्टअप ब्रिज को गति दी जाएगी। मोबिलिटी और माइग्रेशन पार्टनरशिप पर पहले से समझौता हुआ है। यह लीगल माइग्रेशन और कुशल कार्यबल की आवाजाही में सहयोग देगा। मैंने और चांसलर नेहमर ने विश्व में चल रहे विवादों, चाहे यूक्रेन में संघर्ष हो या पश्चिम एशिया की स्थिति सभी पर विस्तार में बात की है। मैंने पहले भी कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है, समस्याओं का समाधान रणभूमि में नहीं हो सकता। चाहे वह कहीं भी हो, मासूम लोगों के जान की हानि अस्वीकार्य है। भारत और ऑस्ट्रिया संवाद और कूटनीति पर जोर देते हैं और इसके लिए हम साथ मिलकर हर संभव मदद देने के लिए तैयार हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं गर्मजोशी भरे स्वागत और आतिथ्यसत्कार के लिए चांसलर नेहमर का आभार व्यक्त करता हूं। मुझे खुशी है कि मुझे अपने तीसरे कार्यकाल की शुरूआत में ऑस्ट्रिया आने का अवसर मिला। मेरी यह यात्रा ऐतिहासिक और विशेष है, 41 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया का दौरा किया है, यह भी सुखद संयोग है कि यह यात्रा उस समय में हो रही है जब हमारे आपसी संबंधों के 75 साल पूरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज मेरे और चांसलर और नेहमर के बीच बहुत सार्थक बातचीत हुई, हमने आपसी सहयोग और मजबूत करने के लिए नई संभावनाओं की पहचान की है। हमने निर्णय लिया है कि संबंधों को रणनीतिक दिशा प्रदान की जाएगी, यह केवल आर्थिक सहयोग और निवेश तक सीमित नहीं है, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, नवीकरणीय ऊर्जा, हाइड्रोजन, जल एवं अपशिष्ट प्रबंधन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में एक-दूसरे के सामर्थ्य को जोड़ने का काम किया जाएगा।