अफगानिस्तान में इस संगठन की बदौलत पनपा ISIL-K, रिपोर्ट में खुलासा- ऐसे मिली हथियार जुटाने में मदद

By :  Shashank
Update: 2024-02-28 05:15 GMT

अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को लेकर यूएन महासचिव की 18वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश अफगानिस्तान, मध्य पूर्व और अफ्रीका में हथियारों के प्रसार, विशेष रूप से हथियारों की पहुंच को लेकर चिंतित हैं।

 संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवेंट-खोरासन (आईएसआईएल-के) ने 2021 में तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में छोड़े गए प्रतिबंधित तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के भंडार से हथियार मांगे और प्राप्त किए हैं।

अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को लेकर यूएन महासचिव की 18वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश अफगानिस्तान, मध्य पूर्व और अफ्रीका में हथियारों के प्रसार, विशेष रूप से हथियारों की पहुंच को लेकर चिंतित हैं। आईएसआईएल (दाएश) के क्षेत्रीय सहयोगियों ने छोटे हथियारों और हल्के हथियारों के साथ-साथ मानव रहित विमान प्रणालियों और तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों को उस तक पहुंचाने में वृद्धि की है।

सैन्य उपकरणों के प्रसार पर चिंता

संयुक्त राष्ट्र ने 2021 में तालिबान के अधिग्रहण के बाद अफगानिस्तान के भीतर और पड़ोसी देशों में सैन्य उपकरणों के प्रसार पर चिंता व्यक्त की है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया, कई सदस्य देशों ने बताया कि तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में बचे हथियारों के भंडार से हथियारों का प्रसार जारी है। सदस्य देशों ने रिपोर्ट करना जारी रखा कि आईएसआईएल-के ने तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान से ऐसे हथियार मांगे और प्राप्त किए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों की वजह से क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति को कमजोर कर दिया है।

सदस्य देशों ने बताया कि उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन-कैलिबर हथियार जो आमतौर पर पूर्व अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बलों से जुड़े होते हैं, उन हथियारों को तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान, ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट, टीआईपी जैसे तालिबान और अल-कायदा से जुड़े समूहों द्वारा आईएसआईएल-के में स्थानांतरित किया जा रहा है।

लड़ाकों की संख्या दो हजार से चार हजार होने का अनुमान

इस महीने जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि सदस्य देशों ने आईएसआईएल-के को अफगानिस्तान और व्यापक क्षेत्र में सबसे गंभीर आतंकवादी खतरा माना है। रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआईएल-के ने अफगानिस्तान के अंदर अपनी परिचालन क्षमताओं में वृद्धि की है, जिसमें लड़ाकों और परिवार के सदस्यों की संख्या 2,000 से 4,000 होने का अनुमान है।

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