2024 लोकसभा चुनाव में INDIA की मुश्किलें खत्म नहीं

Update: 2023-07-20 06:28 GMT

बेंगलुरु में 2 दिन चली विपक्ष की मीटिंग में क्या कुछ हासिल हुआ ।इस बारे में अगर चर्चा की जाए तो जवाब है गठबंधन का नाम इंडिया । पर अभी भी सवाल यही है कि लोकसभा चुनाव 2024 में मोदी के सामने कौन होगा? इस नए विपक्ष गुट को कौन लीड करेगा ? विपक्ष के अगली मीटिंग मुंबई में होनी है । जहां पर उम्मीद की जा रही है कि विपक्ष गठबंधन का चेहरा फाइनल कर लिया जाएगा । इसके लिए 11 मेंबर्स की ऑडिशन कमेटी तय की गई है और वही यह डिसाइड करेंगे कि कहां किसको कितनी सीटें दी जाए और कौन वह चेहरा होगा जो मोदी के खिलाफ लड़ पाएगा । बंगलोर में जैसे ही मीटिंग खत्म हुई उसके बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई ।पर इस प्रेस कांफ्रेंस में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी नदारत थे । सूत्रों का कहना है की उन्हें अलायंस का संयोजक ना बनाने से नीतीश कुमार नाराज है और बिहार लौट गए । तो क्या लड़ाई शुरू होने से पहले ही सिपाही जंग छोड़ने की तैयारी में लग गए हैं । नीतीश कुमार अलायंस के नाम से भी खुश नहीं है । नाम में NDA होने के कारण नीतीश कुमार नाराज थे । विपक्ष के खेमे में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस होने के कारण सभी को संभालना उनकी जिम्मेदारी बनती है । बेंगलुरु में हुई बैठक में 25 पार्टीयो को बुलाया गया था । जिसमें से 17 उनके साथ पहले से ही थे । 8 पार्टियां ऐसी है जो पहली बार कांग्रेस के साथ लोकसभा चुनाव लड़ेंगे । इसके अलावा जो दूसरा बड़ा मुद्दा है वह है सीटों के बंटवारे का। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने बातचीत में बताया कि 2024 के चुनाव में कांग्रेस 370 सीटों पर ही अपने कैंडिडेट उतारेगी मतलब 173 सीटे बाकी पार्टियों को मिलेगी । अगर ऐसा हुआ तो पिछले 5 लोकसभा चुनाव यानी 1999 से 2019 तक में यह पहली बार होगा जब कांग्रेस 400 से कम सीटों पर चुनाव लड़ेगी । अभी की परिस्थिति में लोकसभा में एनडीए के पास 332 सीटें हैं । वही इंडिया के पास 141 सीटे है । लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को 303 ऐसी सीटें थी जहा 50 % से ज्यादा वोट मिले यानि बहुमत से 31 सीटें ज्यादा । यह आंकड़े 2014 से कहीं ज्यादा है । पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस के खिलाफ ही जीती थी । जिनमें गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और हिमाचल शामिल है।

महाराष्ट्र में भी शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के बाद जो हालात है । उसे देखकर कहना मुश्किल होगा कि इसका फायदा किसे होगा। पर जो भी हो 2024 का चुनाव हर महीनों में अब तक के लोकसभा चुनाव से अलग होने जा रहा है।

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