झारखंड में विपक्षी गठबंधन में सीट बंटवारे पर बनी सहमति, कांग्रेस सात सीटों पर लड़ेगी चुनाव
सूत्रों के मुताबिक झारखंड मुक्ति मोर्चा अगले एक दो दिन में लोकसभा की दुमका सीट पर फैसला लेगा, क्योंकि यहां से सोरेन की भाभी सीता सोरेन भाजपा में शामिल हो गई हैं। इसलिए चर्चाओं का बाजार गर्म है कि इस सीट को सुरक्षित करने के लिए कल्पना सोरेन या शिबू सोरेन पर दांव लगाया जा सकता है।
विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दलों के बीच झारखंड में सीट बंटवारे पर सहमति बन गई है। सूत्रों के अनुसार, राज्य की 14 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस सात सीटों पर और झामुमो पांच सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। अन्य में माले के साथ आईएमएल के प्रत्याशी मैदान में होंगे। बिहार में भी बात बनने का दावा राजद सांसद मनोज झा ने किया और कहा कि बातचीत सार्थक है और नतीजे जल्द सामने होंगे। वहीं, महाराष्ट्र प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी ने पेंच लगा दिया है। इसमें कोडरमा सीट को सीपीआई एमएल को दिए जाने की बात की जा रही है। वहीं राजद को चतरा सीट दी गई है।
सूत्रों के मुताबिक झारखंड मुक्ति मोर्चा अगले एक दो दिन में लोकसभा की दुमका सीट पर फैसला लेगा, क्योंकि यहां से सोरेन की भाभी सीता सोरेन भाजपा में शामिल हो गई हैं। इसलिए चर्चाओं का बाजार गर्म है कि इस सीट को सुरक्षित करने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा किसी कद्दावर नेता हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन या पार्टी के संस्थापक शिबू सोरेन पर दुमका सीट पर दांव लगा सकता है।
उधर, बिहार की 40 लोकसभा सीटों को लेकर राबड़ी देवी के आवास पर संसदीय बोर्ड की बैठक भी हुई है और इसमें लालू यादव को पार्टी के सभी सीटों पर उम्मीदवार तय करने के लिए अधिकृत कर दिया गया है। इस बीच दिल्ली में लगातार हो रहीं गठबंधन की बैठकों के मध्य सीटों का बंटवारा तय होता हुआ दिख रहा है। इसमें आरजेडी सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, इसमें राजद को 25 से 28 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के हिस्से में 8 से 9 सीट जाएंगी, भाकपा माले को दो सीट और भाकपा के हिस्से में एक सीट जा सकती है।
पिछले लोस चुनाव में भाजपा ने जीती थीं 14 में से 12 सीटें
पिछली बार राज्य की 14 सीटों में से 12 सीटों पर भाजपा गठबंधन ने जीत हासिल की थी। इसमें कांग्रेस के खाते में एक सीट गई थी। जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा विजयी हुई थी, लेकिन अब गीता कोड़ा भी भाजपा में शामिल हो गई हैं, ऐसे में राज्य में कांग्रेस की पकड़ खासी ढीली और हालत खस्ता है।