पहलगाम हमले के बाद कश्मीर में जनता का आक्रोश, आतंकवाद के अंत की नई उम्मीद

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार, 28 अप्रैल को विधानसभा में कहा कि सरकार लोगों के इस जज्बे को मजबूती देगी और आतंकवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई में साथ देगी।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-04-28 19:30 GMT

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लोगों का स्वस्फूर्त गुस्सा एक नई उम्मीद लेकर आया है कि आतंकवाद का अंत अब निकट है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार, 28 अप्रैल को विधानसभा में कहा कि सरकार लोगों के इस जज्बे को मजबूती देगी और आतंकवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई में साथ देगी। उन्होंने केंद्र सरकार से भी अपील की कि हमले के बाद ऐसे कदम न उठाए जाएं जिससे जनता में असंतोष पैदा हो।

22 अप्रैल को बैंसरण घास के मैदान में हुए हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस दुखद घटना पर विशेष सत्र बुलाया गया, जहां विधानसभा ने सर्वसम्मति से इस आतंकी हमले की निंदा करते हुए communal सद्भाव और विकास को बनाये रखने का संकल्प लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर लोग साथ हैं तो आतंकवाद को खत्म किया जा सकता है। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि यह घटना हमें यह अवसर देती है कि सही कदम उठाकर आतंकवाद को जड़ से समाप्त किया जाए। उमर अब्दुल्ला ने यह भी स्वीकार किया कि पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी थी और वह इसमें चूक गए। उन्होंने कहा कि वह इस हमले का राजनीतिक फायदा उठाकर राज्य का दर्जा मांगने का इरादा नहीं रखते।

विधानसभा में पेश प्रस्ताव में भी शोक व्यक्त करते हुए आतंकियों के नापाक मंसूबों को नाकाम करने की प्रतिबद्धता जताई गई। प्रस्ताव में कहा गया कि पहलगाम हमले के बाद पूरे देश में दुख और आक्रोश का माहौल है। उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक हर हिस्से में इस घटना की गूंज सुनाई दी।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस हमले के बावजूद कश्मीर से एक नई उम्मीद की किरण निकली है। उन्होंने कहा कि कई वर्षों बाद उन्होंने देखा कि जनता बिना किसी राजनीतिक दल या नेता के बुलावे के, खुद सड़कों पर उतरी और दुख व गुस्सा व्यक्त किया। हर मस्जिद में मौन रखा गया और लोगों ने एकजुटता दिखाई।

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक ने भी मृतकों के लिए जामिया मस्जिद में दुआ की। मुख्यमंत्री ने इस बदलाव को मजबूत करने और आगे बढ़ाने की जरूरत बताई।

सत्र की शुरुआत में दो मिनट का मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कहा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुआ हमला अमानवीय और निंदनीय है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं कश्मीरियत, संविधानिक मूल्यों और देश की एकता और भाईचारे पर हमला हैं। प्रस्ताव में टूरिस्टों को बचाते हुए जान गंवाने वाले सैयद आदिल हुसैन शाह के बलिदान को भी याद किया गया और उनकी बहादुरी को भविष्य के लिए प्रेरणा बताया गया।

विधानसभा ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से भी अपील की कि वे कश्मीरी छात्रों और नागरिकों की सुरक्षा, सम्मान और भलाई सुनिश्चित करें। साथ ही सभी राजनीतिक दलों, धार्मिक नेताओं, नागरिक संगठनों और मीडिया से भी शांति और एकता बनाये रखने की अपील की गई।

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