चीन ने फिर बढ़ाया अपना रक्षा बजट, भारत के बजट से तीन गुना से भी ज्यादा हुआ

Update: 2024-03-05 06:02 GMT

भारत का साल 2024 के लिए रक्षा बजट 6,21,541 करोड़ रुपये है, जो कि करीब 74.8 अरब डॉलर होता है। वहीं चीन का 2024 का बजट करीब 232 अरब डॉलर है, जो कि भारत के बजट से बहुत ज्यादा है।

चीन लगातार अपना रक्षा बजट बढ़ा रहा है और इस साल चीन ने अपने रक्षा बजट में बीते पांच साल में सबसे ज्यादा 7.2 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के साथ ही चीन का रक्षा बजट इस साल 1.67 ट्रिलियन युआन (231 अरब डॉलर) पहुंच गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में चीन के वित्त मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर ये दावा किया गया है। चीन, अमेरिका के बाद रक्षा बजट पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाला दूसरा देश है।

भारत के बजट से तीन गुना ज्यादा

सीमा पर भारत और चीन के बीच लंबे समय से तनाव है और दोनों देशों के सैनिक कई बार आमने-सामने आ चुके हैं। हालांकि सेना को आधुनिक बनाने के लिहाज से चीन, भारत से कहीं आगे दिख रहा है। इसकी वजह चीन का भारी-भरकम रक्षा बजट है, जो भारत के रक्षा बजट से तीन गुने से भी ज्यादा है। भारत का साल 2024 के लिए रक्षा बजट 6,21,541 करोड़ रुपये है, जो कि करीब 74.8 अरब डॉलर होता है। वहीं चीन का 2024 का बजट करीब 232 अरब डॉलर है, जो कि भारत के बजट से बहुत ज्यादा है।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना पीएलए को आधुनिक बनाने के लिए 2027 का लक्ष्य तय किया है और बजट में बढ़ोतरी की वजह भी यही है। साथ ही चीन का दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस, जापान समेत कई देशों से विवाद चल रहा है। वहीं सीमा विवाद के चलते भारत से भी चीन के संबंध बुरे दौर से गुजर रहे हैं। यही वजह है कि चीन लगातार अपनी सेना को आधुनिक बना रहा है। खासकर चीन अपनी नौसेना में काफी निवेश कर रहा है और आज चीन की नौसेना जहाजों के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है। चीन एयरक्राफ्ट कैरियर का भी निर्माण कर रहा है और हिंद महासागर के कई देशों में चीन ने अपने अड्डे बना लिए हैं।

चीन की चुनौतियां भी बढ़ीं

चीन की सेना सैनिकों की संख्या के मामले में सबसे बड़ी है। साथ ही चीन की सेना में दो रॉकेट फोर्स हैं और यही रॉकेट फोर्स ही परमाणु हथियारों का संचालन संभालती है। चीन पर आरोप हैं कि वह चुपचाप अपने रॉकेट फोर्स का विस्तार कर रहा है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का रक्षा बजट बताए जा रहे आंकड़ों से कहीं ज्यादा है क्योंकि चीन अपने सैन्य रिसर्च और डेवलेपमेंट के बजट को रक्षा बजट में शामिल नहीं करता है। हालांकि जहां एक तरफ चीन लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है, वहीं उसकी चुनौतियां भी बढ़ी हैं। चीन ने बीते दिनों अपने रक्षा प्रमुख को बिना कोई वजह बताए पद से हटा दिया था। साथ ही कई शीर्ष जनरलों को भी बदला गया है। इससे साफ है कि चीन की सेना में समस्याएं भी हैं।

अमेरिका से अभी भी बहुत पीछे है चीन

चीन के बढ़ते दबदबे से अमेरिका भी चिंतित है। हालांकि अभी भी रक्षा बजट के मामले में अमेरिका, चीन से सबसे काफी आगे है। अमेरिका का पिछले साल रक्षा बजट 886 अरब डॉलर था। चीन की बढ़ती चुनौती को देखते हुए अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन की सेना को मजबूत करने में जुटा है। वहीं भारत के साथ भी अमेरिका रणनीतिक सहयोग बढ़ा रहा है। 

Tags:    

Similar News