बजट सत्र से पहले राज्यसभा के 11 सांसदों का निलंबन रद्द, धनखड़ का फैसला, लोस के भी तीन सदस्य बहाल

Update: 2024-01-31 03:53 GMT

बजट सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि राज्यसभा के 11 और लोकसभा के तीन सदस्यों ने अपने आचरण के लिए विशेषाधिकार समिति के सामने खेद जताया है।

बजट सत्र से पहले राज्यसभा के 11 सांसदों के बेमियादी निलंबन को वापस ले लिया गया है। हालांकि, सदन की विशेषाधिकार समिति ने विपक्ष के इन सदस्यों को विशेषाधिकार हनन और राज्यसभा की अवमानन का दोषी माना था। सभापति ने अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए निलंबन रद्द कर दिया, ताकि सभी सांसद नए संसद भवन में राष्ट्रपति के ऐतिहासिक विशेष संबोधन में शामिल हो सकें। लोकसभा स्पीकर ने भी तीन सदस्यों का बेमियादी निलंबन वापस ले लिया। ये भी बजट सत्र में हिस्सा ले सकेंगे।

सांसदों ने जताया खेद

सूत्रों के मुताबिक, समिति ने मंगलवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को सौंपी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि सदस्यों के निलंबन की अवधि को उनके आचरण के लिए पर्याप्त सजा माना जाए। इससे पहले, बजट सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया था कि राज्यसभा के 11 और लोकसभा के तीन सदस्यों ने अपने आचरण के लिए विशेषाधिकार समिति के सामने खेद जताया है। इसके बाद समिति ने निलंबन वापस लेने की सिफारिश की है। सरकार ने सदस्यों के निलंबन वापसी के प्रस्ताव को राज्यसभा सभापति और लोकसभा स्पीकर को भेजे थे, जिसे उन्होंने मान लिया। गौरतलब है कि शीतसत्र में 146 सदस्यों का निलंबन हुआ था। इनमें लोकसभा के 101 व राज्यसभा के 45 सदस्य थे।

राज्यसभा से इन सांसदों का वापस हुआ निलंबन:-

  • जेएम हिशाम
  • डॉ. एल हनुमथैया
  • नीरज डांगी
  • राजमणि पटेल
  • कुमार केतकर
  • जीसी चंद्रशेखर
  • बिनॉय विस्वास
  • संदोश कुमार पी
  • एम मोहम्मद अब्दुल्ला
  • डॉ. जॉन बिटास
  • एए रहीम

लोकसभा के इन सदस्यों को निलंबन रद्द हुआ:-

  • डॉ. जे जयकुमार
  • अब्दुल खालिक
  • विजय कुमार

क्या है मामला?

बता दें कि संसद के पिछले सत्र के दौरान कुल 146 विपक्षी सांसदों को सदन में तख्तियां लाने और बार-बार संसदीय कार्यवाही में बाधा डालने के लिए निलंबित कर दिया गया था। इनमें 100 लोकसभा और बाकी राज्यसभा से थे। इनमें से 14 के उल्लंघन को अधिक गंभीर माना गया था। लोकसभा और राज्यसभा ने मिलकर 132 सांसदों को 21 दिसंबर को समाप्त हुए शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया था और इन 14 सांसदों का मामला संबंधित विशेषाधिकार समिति को भेज दिया था।

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