कोलकाता केस को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने सियालदह कोर्ट के फैसले को चुनौती दी, दोषी के लिए मौत की सजा की मांग
कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में दुष्कर्म और हत्या के दोषी संजय रॉय को सियालदह कोर्ट द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया है। महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने दोषी के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए न्यायमूर्ति देबांगशु बसाक की खंडपीठ में याचिका दायर की, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।
बता दें, कि सोमवार को सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा और 7 लाख रुपये अतिरिक्त सहायता दी जाए। कोर्ट के जज अनिरबन दास ने कहा कि यह मामला दुर्लभतम अपराधों में शामिल नहीं है, इसलिए मौत की सजा नहीं दी गई।
मगर इस फैसले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाराजगी जताई और इसे दुर्लभतम अपराध करार दिया। उन्होंने दोषी को फांसी की सजा देने की मांग की और कहा कि राज्य सरकार इस फैसले को चुनौती देगी।
दरअसल, 9 अगस्त 2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार कक्ष में 31 वर्षीय महिला चिकित्सक का शव पाया गया था। जांच में पता चला कि आरोपी संजय रॉय ने दुष्कर्म कर उसकी हत्या की थी। उसके बाद संजय रॉय को 10 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया गया। अदालत ने उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी ठहराया, जिनके तहत अधिकतम मौत की सजा और न्यूनतम उम्रकैद का प्रावधान है।