मणिपुर में जेडीयू ने भाजपा से समर्थन वापस लिया, जेडीयू ने मणिपुर के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह को अध्यक्ष पद से हटाया
इंफाल। एक बार फिर से नीतीश कुमार ने राजनीतिक में हलचल मचा दिया है। मणिपुर में जनता दल ने भाजपा से समर्थन वापस ले लिया है। जेडीयू ने मणिपुर के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह को अध्यक्ष पद से हटा दिया है।
वीरेंद्र सिंह को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बारे में जानकारी देते हुए जेडीयू ने कहा, जनता दल यूनाइटेड ने मणिपुर प्रदेश के अपने पार्टी अध्यक्ष, जिसने यह पत्र लिखा था वीरेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया दिया है। अनुशासनहीनता के आरोप में वीरेंद्र सिंह को पदमुक्त कर दिया गया है।
वहीं, इससे पहले जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष के बीरेन सिंह ने राज्य की भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने की बात कहते हुए राज्यपाल को पत्र लिखा। प्रदेश अध्यक्ष का पत्र सामने आने के बाद जेडीयू ने यह कार्रवाई की। पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष को पद से हटा दिया।
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष के बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को लिखे पत्र में कहा कि फरवरी-मार्च 2022 में मणिपुर विधानसभा के लिए हुए चुनाव में जेडीयू के छह उम्मीदवार जीते थे। कुछ महीनों के बाद जदयू के पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए। पांचों विधायकों के खिलाफ भारत की दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर न्यायाधिकरण में मुकदमा लंबित है।
पत्र में लिखा गया कि इंडिया ब्लॉक का हिस्सा बनने के बाद जेडीयू ने भाजपा नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया गया। अब मणिपुर में जेडीयू के एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर को विधानसभा के अंतिम सत्र में अध्यक्ष द्वारा विपक्ष की बेंच पर बैठाया गया। समर्थन वापसी का बीरेन सिंह सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास 37 सीटें हैं और उसे नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है।